जानवर के मल से बनती है दुनिया की सबसे महंगी कॉफी, कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान

यह कॉफी किसी मशीन या फैक्ट्री में नहीं, बल्कि एक जानवर की मदद से तैयार होती है. खास बात यह है कि इस कॉफी के दाने एक जानवर के पाचन तंत्र से होकर गुजरते हैं, फिर भी इसे दुनिया भर में बड़े शौक और लग्जरी के तौर पर पिया जाता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 15 Dec, 2025 | 09:06 AM

कॉफी की दुनिया में आपने कई किस्से सुने होंगे, लेकिन एक कॉफी ऐसी भी है जिसकी कहानी सुनकर पहले तो लोग नाक-भौं सिकोड़ लेते हैं और फिर कीमत सुनकर हैरान रह जाते हैं. यह कोई आम कॉफी नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे महंगी और सबसे अनोखी कॉफी मानी जाने वाली कोपी लुवाक (Kopi Luwak) है. यह कॉफी किसी मशीन या फैक्ट्री में नहीं, बल्कि एक जानवर की मदद से तैयार होती है. खास बात यह है कि इस कॉफी के दाने एक जानवर के पाचन तंत्र से होकर गुजरते हैं, फिर भी इसे दुनिया भर में बड़े शौक और लग्जरी के तौर पर पिया जाता है.

क्या है कोपी लुवाक कॉफी

कोपी लुवाक की शुरुआत इंडोनेशिया से मानी जाती है. यहां एक छोटा सा जानवर पाया जाता है, जिसे एशियाई पाम सिवेट कहा जाता है. स्थानीय भाषा में इसे लुवाक कहते हैं. यह जानवर देखने में बिल्ली जैसा होता है और रात के समय सक्रिय रहता है. जंगलों और कॉफी के बागानों में घूमते हुए यह जानवर केवल सबसे पकी और बेहतरीन कॉफी चेरी ही खाता है. यही इसकी सबसे खास बात है, क्योंकि यह अपने आप में एक नेचुरल क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम की तरह काम करता है.

जानवर के पेट में कैसे बदलता है कॉफी का स्वाद

जब लुवाक कॉफी की चेरी खाता है, तो उसका बाहरी गूदा पच जाता है, लेकिन अंदर मौजूद बीन्स सुरक्षित रहते हैं. जानवर के पेट में मौजूद एंजाइम इन बीन्स के साथ एक खास तरह की प्राकृतिक फर्मेंटेशन प्रक्रिया शुरू कर देते हैं. इस दौरान बीन्स में मौजूद कुछ प्रोटीन टूट जाते हैं, जिससे कॉफी की कड़वाहट कम हो जाती है. यही वजह है कि कोपी लुवाक कॉफी का स्वाद आम कॉफी की तुलना में ज्यादा स्मूद, हल्का और खुशबूदार माना जाता है.

कैसे होती है इस अनोखी कॉफी की प्रोसेसिंग

जब पाचन के बाद कॉफी बीन्स जानवर के मल के साथ बाहर निकलते हैं, तो उन्हें बेहद सावधानी से इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद इन बीन्स को कई बार साफ पानी से धोया जाता है ताकि किसी भी तरह की अशुद्धि न रह जाए. फिर इन्हें धूप में सुखाया जाता है और बाद में भूनने की प्रक्रिया से गुजारा जाता है. पूरी प्रोसेस के बाद तैयार होने वाली कॉफी पूरी तरह से सुरक्षित और पीने योग्य होती है.

इतनी महंगी क्यों है कोपी लुवाक

इस कॉफी की कीमत ज्यादा होने की सबसे बड़ी वजह इसकी सीमित उपलब्धता है. लुवाक जानवर बहुत कम मात्रा में ऐसे बीन्स देता है जिन्हें इस्तेमाल किया जा सके. इसके अलावा बीन्स इकट्ठा करना, साफ करना और प्रोसेस करना बेहद मेहनत भरा काम है. बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करना लगभग नामुमकिन है. यही कारण है कि इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत 60 हजार से 70 हजार रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है.

लग्जरी कैफे और होटल की शान

दुनिया के कई फाइव स्टार होटल और लग्जरी कैफे में कोपी लुवाक कॉफी खास मेन्यू का हिस्सा होती है. विदेशों में एक कप कोपी लुवाक कॉफी की कीमत 3 हजार से 5 हजार रुपये तक बताई जाती है. इसे पीना आम लोगों के लिए रोजमर्रा की बात नहीं, बल्कि एक खास अनुभव माना जाता है.

विवाद भी कम नहीं

हालांकि, कोपी लुवाक को लेकर विवाद भी रहे हैं. कुछ जगहों पर लालच के चलते सिवेट जानवरों को पिंजरों में बंद कर जबरन कॉफी चेरी खिलाई जाती है, जिससे पशु अधिकारों को लेकर सवाल उठते हैं. इसी वजह से अब जागरूक लोग केवल नैचुरल और एथिकल तरीके से बनी कोपी लुवाक कॉफी को ही पसंद करते हैं.

स्वाद से ज्यादा अनुभव की कॉफी

कुल मिलाकर कोपी लुवाक कॉफी सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि एक अनुभव है. इसकी कहानी, इसकी अनोखी प्रक्रिया और इसकी ऊंची कीमत इसे दुनिया की सबसे चर्चित कॉफी बना देती है. शायद यही वजह है कि लोग इसे पीने से पहले ज्यादा इसके बारे में जानना चाहते हैं और एक बार चखने के बाद इसे जिंदगी का खास अनुभव मानते हैं.

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