लंबा या गोल…कौन सा पपीता होता है ज्यादा मीठा? खरीदने से पहले जानें सही पहचान

जब बाजार में पपीता खरीदने की बारी आती है, तो ज्यादातर लोग उलझ जाते हैं कि लंबा पपीता लें या गोल, कौन सा ज्यादा मीठा और रसीला निकलेगा. दुकानदार अक्सर दोनों को ही "पूरी तरह पका" और "मीठा" बताकर ग्राहक को समझाते हैं, लेकिन सही चुनाव करना जरूरी है ताकि घर पहुंचकर फल कच्चा या बेस्वाद ना निकले.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 1 Dec, 2025 | 01:13 PM

Papaya sweetness comparison: पपीता एक ऐसा फल है जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. पेट साफ रखने से लेकर त्वचा को चमकदार बनाने तक, यह फल कई तरह के गुणों से भरपूर है. इसलिए लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करना पसंद करते हैं. लेकिन जब बाजार में पपीता खरीदने की बारी आती है, तो ज्यादातर लोग उलझ जाते हैं कि लंबा पपीता लें या गोल, कौन सा ज्यादा मीठा और रसीला निकलेगा. दुकानदार अक्सर दोनों को ही “पूरी तरह पका” और “मीठा” बताकर ग्राहक को समझाते हैं, लेकिन सही चुनाव करना जरूरी है ताकि घर पहुंचकर फल कच्चा या बेस्वाद ना निकले.

स्वाद में क्या है अंतर?

अगर बात करें मिठास की, तो गोल पपीता आमतौर पर ज्यादा मीठा और जूसी पाया जाता है. इसका गूदा नरम होता है और इसमें बीज कम होते हैं. गोल पपीता प्राकृतिक तरीके से पकने पर हल्के नारंगी रंग का दिखाई देता है और एक बार कटने पर इसकी खुशबू भी अधिक होती है.

इसके मुकाबले लंबा पपीता, जिसे आमतौर पर पूसा जाइंट किस्म के नाम से जाना जाता है, बाजार में पूरे साल आसानी से मिल जाता है. यह आकार में बड़ा होता है और इसमें बीज भी अधिक होते हैं. हालांकि यह सेहत के लिए उतना ही अच्छा है, लेकिन स्वाद और मिठास में यह गोल पपीते से थोड़ा पीछे माना जाता है.

सही पका और मीठा पपीता कैसे पहचानें?

कई बार गोल पपीता चुनने के बाद भी लोग कच्चा या बेस्वाद फल घर ले आते हैं. इसलिए उसके रंग, बनावट और सुगंध पर ध्यान देना जरूरी है. एक अच्छा और मीठा पपीता आमतौर पर हरे से नारंगी रंग की ओर बदल रहा होता है. इसका मतलब है कि फल प्राकृतिक रूप से पक रहा है और इसका स्वाद बेहतर होगा.

पपीते की ऊपरी परत चिकनी और बिना कटे–फटे होनी चाहिए. छिलका यदि हल्का दबाने पर थोड़ा सा नीचे जाता है, तो समझें कि पपीता खाने के लिए सही पका हुआ है.

अगर पपीता बहुत कठोर है तो वह अभी कच्चा है, जबकि ज्यादा मुलायम होने पर यह ओवर–रिपन यानी अतिपका हो सकता है, जिससे इसका स्वाद और ताजगी दोनों कम हो जाते हैं.

इसके अलावा पपीते के डंठल वाले हिस्से के पास हल्की मिठास की सुगंध भी महसूस होनी चाहिए. यह भी एक बड़ा संकेत है कि फल अंदर से मीठा और रसीला है.

पपीता क्यों है जरूरी? सेहत के लिए बड़ा फायदेमंद

पपीता को सुपरफूड कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यह फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट और भरपूर पोषक तत्वों से भरा होता है. रोजाना पपीता खाने से पाचन बेहतर होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती. इसकी प्राकृतिक मिठास और हल्की बनावट इसे किसी भी उम्र के लोगों के लिए आदर्श फल बनाती है.

इसके अलावा आंखों को स्वस्थ रखने में विटामिन ए की बड़ी भूमिका होती है, और पपीता इस विटामिन का एक बेहतरीन स्रोत है. यही वजह है कि डॉक्टर भी इसे नियमित रूप से खाने की सलाह देते हैं.

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