Maharashtra Onion Market: महाराष्ट्र में प्याज की बड़ी पैदावार के बीच राज्य सरकार ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (NAFED) को चेतावनी दी है कि प्याज के स्टॉक और बिक्री से जुड़े फैसले राज्य के साथ समन्वय में ही लिए जाएं. विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि NAFED के अकेले निर्णय किसानों और उपभोक्ताओं दोनों पर असर डाल सकते हैं.
मंत्री रावल ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि इस साल महाराष्ट्र में लगभग 170 लाख मीट्रिक टन प्याज उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 55 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है.
बाजार में अचानक गिरावट
NAFED ने पहले संकेत दिया था कि यदि प्याज की कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर चली गई, तो वह अपने भंडारित प्याज को बाजार में रिलीज कर देगा. इसके बाद बाजार में अचानक कीमतें गिर गईं. रावल ने कहा, “इससे व्यापारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और किसानों को नुकसान हुआ. इसलिए हमने NAFED को स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे फैसले राज्य के साथ परामर्श के बिना नहीं लिए जाएं.”
मंत्री ने केंद्र सरकार को भी यह जानकारी दी है कि समय पर निर्यात समर्थन मिलने से प्याज की कीमत स्थिर रहेगी और किसानों की स्थिति में सुधार होगा. इसके लिए मार्केटिंग विभाग ने अतिरिक्त निर्यात सब्सिडी का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. रावल ने कहा, “यह कदम निर्यात को बढ़ावा देगा और बाजार में संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा.”
व्यापारियों पर निगरानी
प्याज के बाजार में कुछ व्यापारियों ने NAFED की संभावित बाजार कार्रवाइयों के बारे में अफवाहों का फायदा उठाया. रावल ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी मार्केट कमेटियों को निर्देश दिया है कि ऐसी मनमानी और कीमतों को जानबूझकर गिराने वाली गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखें. जरूरत पड़ने पर दोषी व्यापारियों के लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं.
किसानों और उपभोक्ताओं दोनों की सुरक्षा
महाराष्ट्र सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को उनके उत्पादन का सही मूल्य मिले और उपभोक्ताओं को प्याज समय पर उचित कीमत में उपलब्ध हो. इसके लिए राज्य और NAFED के बीच तालमेल जरूरी है. मंत्री रावल ने किसानों से अपील की कि वे पैनिक न हों और सरकार के निर्देशों के अनुसार ही अपने उत्पाद को बेचें.
राज्य सरकार ने यह भी संकेत दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो स्टॉक रिलीज, निर्यात समर्थन और बाजार निगरानी के जरिए प्याज की कीमतों को संतुलित किया जाएगा. इस तरह की रणनीति से किसान नुकसान से बचेंगे और बाजार में स्थिरता आएगी.