देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) की राशि में बढ़ोतरी करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि पीएम किसान के तहत अन्नदाताओं को सालभर में मिलने वाले 6000 रुपये अब काफी नहीं है. इसलिए केंद्र सरकार को पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी करनी चाहिए. दरअसल, उपराष्ट्रपति हाल ही में हिमाचल प्रदेश के दौरे पर ये बातें कही हैं.
उन्होंने सोलन जिले में स्थित डॉ. वाई.एस. परमार कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ किसानों, गांवों और खेती के भविष्य पर भी खुलकर चर्चा की. इसके साथ ही किसान सम्मान निधि योजना का जिक्र करते हुए किसानों की इनकम में इजाफा करने को लेकर सरकार से मांग भी की.
खेती को बनाना होगा स्मार्ट और लाभकारी
उपराष्ट्रपति ने इस दौरान कहा कि अब वक्त आ गया है कि खेती में नई सोच और नई तकनीक लाने की जरूरत है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यह कितना अजीब है कि गांवों में भी सब्जियां और फल शहरों से लाए जाते हैं.
उन्होंने कहा, “अगर टमाटर ज्यादा हो जाएं, तो उन्हें सड़क पर फेंकना कोई हल नहीं है. हमें उन्हें बचाने के लिए फूड प्रोसेसिंग की ओर ध्यान देना होगा.” इसका मतलब है कि खेतों में पैदा होने वाली चीजों को वहीं पर ही थोड़ा प्रोसेस करके बाजार में बेचना चाहिए, ताकि किसानों को अच्छा दाम मिल सके और बर्बादी भी रुके.
किसानों को सीधी मदद की बात
धनखड़ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का जिक्र करते हुए कहा कि 6000 रुपये की सालाना सहायता आज की महंगाई में काफी नहीं है. उन्होंने सुझाव दिया कि इस रकम में समय के साथ बढ़ोतरी होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार की ओर से मिलने वाली अन्य सहायता सीधे किसानों को मिले, तो उन्हें हर साल 30,000 रुपये तक की और मदद मिल सकती है. यह सुझाव किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है.
छात्र सिर्फ डिग्री के लिए नहीं, गांव के विकास के लिए पढ़ें
उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के छात्रों से खास अपील की कि वे सिर्फ नौकरी के लिए नहीं, बल्कि अपने गांव और खेतों को बेहतर बनाने के लिए पढ़ाई करें. उन्होंने कहा कि युवा अपने खेत की फसल खुद बेचने की योजना बनाएं. इससे वे सिर्फ किसान नहीं, बल्कि उद्यमी भी बन सकते हैं.
“कृषि अब सिर्फ हल और बैल की बात नहीं रही. यह अब तकनीक, मार्केटिंग और समझदारी से जुड़ा क्षेत्र बन चुका है.”