सोचिए, अगर आपका खेत सिर्फ फसल ही नहीं बल्कि नोट छापने वाली मशीन बन जाए, तो कैसा लगेगा? जी हां, यह किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि हकीकत है! धान, गेहूं या सब्जी में जितनी मेहनत और लागत लग रही है उसकी तुलना में किसान की कमाई कम रह जा रही है. अब वक्त आ गया है एक ऐसे पेड़ को लगाने का, जिसकी लकड़ी एक-एक लाख रुपये में बिकती है. नाम है- शीशम, जिसे लोग प्यार से भारत का रोजवुड भी कहते हैं. यह पेड़ सिर्फ हरियाली नहीं देता, बल्कि जेब भी हरी कर देता है.
क्यों है शीशम किसानों का फिक्स्ड डिपॉजिट?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शीशम की खेती लॉन्ग टर्म प्रॉफिट इन्वेस्टमेंट है. धान या गेहूं सिर्फ एक सीजन में खत्म हो जाते हैं, जबकि शीशम हर साल मोटा होकर कीमत बढ़ाता है. एक परिपक्व पेड़ 50,000 से 1 लाख रुपये में बिकता है. अगर एक एकड़ में 400 पौधे लगाएं, तो 10-12 साल में करोड़ों रुपये कमाए जा सकते हैं. यानी आज बोओ और भविष्य में बिना रिस्क शानदार मुनाफा कमाओ
शीशम की लकड़ी रहती है हमेशा डिमांड में
शीशम की लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां, मंदिरों और होटलों की सजावट तथा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बनाने में किया जाता है. इसकी सबसे खास बात यह है कि यह दीमक-रोधी, जल्दी न सड़ने वाली और बेहद मजबूत लकड़ी है. टिकाऊ होने के कारण बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. यही वजह है कि शीशम की लकड़ी की कीमत कभी कम नहीं होती. किसान और व्यापारी इसे हमेशा महंगे दामों में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं
खेती की विधि-एक बार लगाओ, सालों तक कमाओ
शीशम की खेती के लिए मध्यम से गहरी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है. पौधारोपण का समय बरसात का मौसम है, जिससे पौधे आसानी से जम जाते हैं. प्रत्येक पौधे के बीच 10×10 फीट की दूरी रखें. शुरुआती दो साल सिंचाई जरूरी है, उसके बाद पेड़ खुद बढ़ता है. पहले दो साल दीमक और खरपतवार पर विशेष ध्यान दें. मेहनत केवल शुरुआत में लगती है, बाद में पेड़ खुद बड़ा होकर लगातार पैसा कमाता है और किसान के लिए लंबे समय तक मुनाफा सुनिश्चित करता है
मुनाफे का गणित-एक एकड़ से करोड़ों
अगर किसान एक एकड़ में 400 शीशम के पेड़ लगाते हैं, तो प्रत्येक पेड़ की कीमत लगभग 70,000 रुपये मानी जाए, तो 10 साल बाद कुल आमदनी 2,80,00,000 रुपये यानी लगभग 3 करोड़ तक पहुंच सकती है. शुरुआती खर्च केवल पौधों और सिंचाई पर होता है. एक बार पेड़ लग जाने के बाद कोई अतिरिक्त खाद, दवा या बड़ी देखभाल की जरूरत नहीं होती. यह खेती कम निवेश में लंबे समय में भारी मुनाफा देने वाली साबित होती है और किसानों के लिए बेहद लाभकारी है.
पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद
शीशम सिर्फ पैसे नहीं देता, बल्कि धरती का भी डॉक्टर है. यह मिट्टी को बांधकर कटाव रोकता है, हवा को साफ करता है, खेत में नमी बनाए रखता है और तापमान को नियंत्रित करता है. अगर गांव के किसान मिलकर सामूहिक रूप से इसे लगाएं, तो पूरा गांव ग्रीन बैंक बन सकता है, जिससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और किसानों को लंबी अवधि में लगातार लाभ मिलेगा. यह खेती न सिर्फ आर्थिक बल्कि प्राकृतिक संतुलन के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होती है
एक्सपर्ट की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि शीशम की खेती आने वाले समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति ला सकती है. किसान बीडी सनखेरे कहते हैं- अगर किसान धैर्य से काम लें, तो हर खेत हरा जंगल और हर किसान करोड़पति बन सकता है. पेड़, खेत बनेगा ग्रीन एटीएम, किसानों को मिलेगा करोड़ों का मुनाफा.