रबी फसल की बुवाई जारी, 322 लाख हेक्टेयर पहुंचा गेहूं का रकबा.. जानें दलहन-तिलहन का क्षेत्रफल

किसान तेजी से रबी फसलों की बुवाई कर रहे हैं. गेहूं लगभग 3,22.6 लाख हेक्टेयर में बोया गया. धान में मामूली बढ़ोतरी, दलहन 133.4 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा. मोटे अनाज 49 लाख और तेलहन 94.2 लाख हेक्टेयर में बोया गया. कुल रबी क्षेत्र 6,14 लाख हेक्टेयर हुआ.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 29 Dec, 2025 | 07:18 PM
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Rabi sowing: किसान तेजी से रबी फसलों की बुवाई कर रहे हैं. कई राज्यों में गेहूं की बुवाई पूरी हो गई है, तो कई प्रदेश में किसान अभी बुवाई की तैयारी ही कर रहे हैं. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 रबी सीजन में गेहूं की बुवाई लगभग 3,22.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग समान है. पिछले साल यह क्षेत्र 3,22.4 लाख हेक्टेयर था, जबकि 2023-24 में यह 3,28 लाख हेक्टेयर था. दरअसल, रबी और अन्य फसलों की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च में होती है. इस बार गेहूं और प्रमुख रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है.

133.4 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरी तरफ, धान की बुवाई  में मामूली बढ़ोतरी हुई है. 26 दिसंबर 2025 तक 2025-26 रबी सीजन में धान 1.49 लाख हेक्टेयर में बोया गया, जबकि पिछले साल यह 1.30 लाख हेक्टेयर था. पिछले रबी सीजन में धान का क्षेत्रफल 4.47 लाख हेक्टेयर था. इस रबी सीजन में दलहन की बुवाई 133.4 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल के पूरे सीजन में 134 लाख हेक्टेयर के करीब है. वहीं, चना, मसूर और हरी मूंग की बुवाई पिछले साल से अधिक हुई है, जबकि उड़द की बुवाई पिछड़ गई.

कितना पहुंचा मोटे अनाज का क्षेत्रफल

मोटे अनाज का क्षेत्रफल इस सीजन अब तक 49 लाख हेक्टेयर है, जिसमें मकई 20.9 लाख और ज्वार 20.3 लाख हेक्टेयर में बोया गया. इसी तरह तेलहन की बुवाई पिछले साल से ज्यादा रही और अब तक 94.2 लाख हेक्टेयर हो गई है, जिसमें सरसों की बुवाई  87.8 लाख हेक्टेयर में हुई. कुल मिलाकर 26 दिसंबर 2024 तक सभी रबी फसलों का कुल क्षेत्रफल 6,14 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो पिछले साल के 6,07.4 लाख हेक्टेयर से अधिक है.

खाद्यान्न उत्पादन 3577.3 लाख टन के पार जा सकता है

वहीं, देश ने खाद्यान्न उत्पादन में नया रिकॉर्ड बनाया, लेकिन वैश्विक व्यापार में उतार-चढ़ाव और किसानों की आय पर सवाल भी उठे. जीएसटी में कटौती से खेती की लागत कम हुई, जबकि अमेरिका के टैरिफ ने निर्यातकों को नए बाजार खोजने पर मजबूर किया. 2026 में बीज और कीटनाशक  कानूनों पर ध्यान रहेगा. कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2025-26 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन पिछले साल के 3577.3 लाख टन के रिकॉर्ड को पार कर सकता है. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि खरीफ फसलों का प्रदर्शन अच्छा रहा और रबी की बुवाई भी अच्छी गति से हो रही है. बेहतर मानसून से खरीफ उत्पादन का अनुमान 1733.3 लाख टन है, जो पिछले साल 1694 लाख टन था.

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Published: 29 Dec, 2025 | 07:04 PM

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