पंजाब की मंडियों में जलभराव, खुले में रखी गेहूं की हजारों बोरियां बारिश में भीगी

पंजाब में अचानक बारिश होने से मुक्तसर जिले में गेहूं की बोरियां बारिश में गिला हो गईं, जिससे भारी नुकसान हुआ है. किसानों, आढ़तियों और मजदूरों ने समय पर उठाव न होने और बारिश से फसल बचाने की व्यवस्था की कमी पर नाराजगी जताई है. जिला प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार शाम तक जिले की मंडियों में कुल 7,40,607 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 3 May, 2025 | 12:46 PM

पंजाब में शुक्रवार को कई हिस्सों में अचनाक जोरदार बारिश हुई. इससे खेतों में कटी फसल को नुकसान हुआ. जबकि, मंडियों में जलभराव होने से हजारों बोरी गेहूं बर्बाद हो गया. बारिश से फसल बर्बादी का सबसे ज्यादा असर मुक्तसर जिले के खरीद केंद्रों में देखने को मिल रहा है. यहां पर मंडी में जलभराव हो जाने से गेहूं की बोरियां पानी में सड़ रही हैं. इससे किसान, आढ़ती और मजदूर काफी नाराज हैं. इन लोगों का कहना है कि समय पर उपज का उठाव न होने और बारिश से फसल को बचाने की उचित व्यवस्था न होने से इतनी अधिक बर्बादी हुई है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, डोडा अनाज मंडी के एक आढ़ती ने कहा कि 13 अप्रैल से गेहूं की आवक शुरू हो गई थी. तब से हर दिन हमने किसी न किसी अधिकारी से फसल उठवाने की मांग की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. अब हालात सामने है. गीला गेहूं होने से हमें अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा. वहीं, मुक्तसर के डिप्टी कमिश्नर अभिजीत कपलिश ने देरी की बात मानी और कहा कि अब उठाव की प्रक्रिया पहले से बेहतर हो गई है.

7,40,607 मीट्रिक टन गेहूं की आवक

जिला प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार शाम तक जिले की मंडियों में कुल 7,40,607 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई. इसमें से 7,26,373 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई और 3,38,905 मीट्रिक टन का उठान हुआ. इसके बावजूद 3,87,468 मीट्रिक टन गेहूं अभी भी उठाया नहीं गया है. इसका मतलब है कि खरीदी गई गेहूं का 53 प्रतिशत से ज्यादा अभी तक उठाया नहीं गया है. वहीं, क्षेत्र की एक बड़ी अनाज मंडी में खुले में रखी हजारों तौली गई गेहूं की बोरियां रातभर हुई लगातार बारिश के कारण पानी में डूब गईं, जिससे बेचे गए गेहूं को भारी नुकसान पहुंचा है.

ग्रामीण मंडियों में स्थिति ज्यादा खराब

किसान अपनी फसल को बारिश से हुए नुकसान को लेकर परेशान हैं. ग्रामीण मंडियों में स्थिति और भी खराब है, क्योंकि वहां बोरियां सिर्फ ईंटों के फर्श पर रखी गई थीं. सीमा क्षेत्र के महातम नगर गांव के मलकीत सिंह ने कहा कि गीली बोरियों में दीमक लगनी शुरू हो गई है, जिससे किसानों और आढ़तियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. खास बात यह है कि मंडियों में समय पर गेहूं नहीं उठाए जाने के कारण फसल को सड़कों पर रखना पड़ रहा है और कई बोरियां जगह की कमी के चलते नीची सड़कों पर भी रखी गई हैं.

नहीं हो पाया 9 लाख गेहूं की बोरियों का उठान

वहीं, फाजिल्का आढ़ती संघ के अध्यक्ष संजीव सचदेवा गोल्डी ने कहा कि मंडी में करीब 9 लाख गेहूं की बोरियों का अभी तक उठान नहीं हो पाया है. फाजिल्का की जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक वंदना कम्बोज ने कहा कि गीली बोरियों को अलग करने की व्यवस्था जल्द की जाएगी. लेकिन उन्होंने मंडी बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि पानी निकासी की सही व्यवस्था नहीं की गई थी, जिस कारण बारिश का पानी जमा हो गया.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 3 May, 2025 | 12:38 PM

फलों की रानी किसे कहा जाता है?

फलों की रानी किसे कहा जाता है?