भोपाल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान समाज सुधारक और मालवा की रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर 300 रुपये का विशेष स्मृति सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “अहिल्याबाई सिर्फ एक शासक नहीं थीं, वह जनसेवा की जीवंत मिसाल थीं. उनकी सोच आज भी हमारी नीतियों की प्रेरणा है जैसे जन-जन के जीवन को बेहतर बनाना.”
महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बनीं अहिल्याबाई
पीएम मोदी ने अहिल्याबाई की महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरूक सोच का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी कई लोग लड़कियों की शादी की उम्र पर बात करने को धर्म या सेक्युलरिज्म पर खतरा मानते हैं, लेकिन अहिल्याबाई ने सैकड़ों साल पहले ही लड़कियों के भविष्य को लेकर सही सोच रखी थी. उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई भले ही कम उम्र में शादीशुदा हुईं, लेकिन उन्हें यह समझ थी कि बेटियों की शादी कब और कैसे होनी चाहिए.
महिलाओं के नाम घर, योजनाओं में भागीदारी
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार की योजनाएं “महिला-नेतृत्व वाले विकास” की भावना को आगे बढ़ा रही हैं. उन्होंने कहा “चार करोड़ गरीबों को घर मिले हैं, जिनमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम पर हैं. महिलाएं अब सिर्फ लाभार्थी नहीं, योजनाओं की योजनाकार भी बन रही हैं.”
BSF की बेटियों ने दिखाई बहादुरी
पीएम मोदी ने हाल ही में हुए “ऑपरेशन सिंदूर” में महिलाओं की भूमिका पर विशेष प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राजस्थान, पंजाब और जम्मू की सीमाओं पर BSF की बेटियों ने गोली का जवाब गोले से दिया. यह सिर्फ सीमा की रक्षा नहीं, बल्कि भारत की नारी शक्ति का परिचय था. इतना ही नहीं भारत अब कमजोर जवाब देने वाला देश नहीं, बल्कि ऐसा देश है जहां 140 करोड़ लोग एक सुर में कहते हैं अगर गोली चलेगी, तो जवाब गोले से मिलेगा.
मेट्रो, एयरपोर्ट और फसल विविधता पर जोर
इस अवसर पर पीएम मोदी ने इंदौर मेट्रो का वर्चुअल उद्घाटन किया, साथ ही दतिया और सतना के नए हवाई अड्डों का भी शुभारंभ किया. किसानों से उन्होंने पारंपरिक फसलों के अलावा कॉटन और मसाले जैसे विकल्पों को अपनाने की अपील की, जो कभी अहिल्याबाई ने भी सुझाया था.
अहिल्याबाई-समाज सुधार की मिसाल
पीएम मोदी ने कहा कि अहिल्याबाई न सिर्फ एक महान प्रशासक थीं, बल्कि उन्होंने 130 से ज्यादा मंदिरों का पुनर्निर्माण, महिलाओं के संपत्ति अधिकार, विधवा विवाह, और दहेज प्रथा के खिलाफ कानून जैसे कई सामाजिक सुधारों की नींव रखी.