बाढ़ से तबाह पंजाब.. मदद की आस लगाए सूनी आंखें, 101 साल के बुजुर्ग ने भेजे पैसे

पंजाब बाढ़ से तबाह है, हजारों लोग बेघर हुए हैं. कहीं किसानों ने राहत सामग्री भेजी, पंजाबी सितारों ने गांव-गांव जाकर भोजन और दवाइयां बांटी. 101 वर्षीय बुजुर्ग ने भी पैसे दान कर इंसानियत की मिसाल पेश की.

नोएडा | Published: 5 Sep, 2025 | 05:47 PM

पंजाब इस वक्त भयंकर बाढ़ की मार झेल रहा है. आसमान से बरसती बारिश ने गांव-गांव तबाही मचा दी है. कहीं घर टूट गए, कहीं फसलें बर्बाद हो गईं और हजारों परिवार खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर हो गए. गुरदासपुर, अमृतसर और फाजिल्का जैसे जिलों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. खेतों में किसानों की मेहनत डूब गई और पशुधन भी बाढ़ की लहरों में बह गया. लेकिन इस मुश्किल घड़ी में पंजाब अकेला नहीं है. देशभर से लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं. इसी बीच 101 वर्षीय बुजुर्ग ने भी इंसानियत की मिसाल पेश की.

दिलजीत दोसांझ और सोनू सूद ने दिखाई इंसानियत

दिलजीत दोसांझ और सोनू सूद ने भेजी राहत सामग्री.

पंजाब की बाढ़ पर सबसे पहले आवाज उठाने वालों में गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ रहे.उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर कहा- पंजाब घायल है, लेकिन हारा नहीं है. हमें अपने पंजाब की सेवा करनी है. दिलजीत का सांझ फाउंडेशन अमृतसर और गुरदासपुर के सबसे प्रभावित 10 गांवों को गोद लेकर उनकी दीर्घकालिक मदद करने में जुटा है. वहीं, बॉलीवुड के रियल लाइफ हीरो सोनू सूद भी बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद के काम में लगे हुए हैं. सोनू ने अपनी टीम के साथ राहत सामग्री भिजवाई और सोशल मीडिया के जरिए बाकी लोगों को भी जुड़ने का संदेश दिया.

101 साल की उम्र में भी इंसानियत की मिसाल-1100 रुपये दान

101 वर्षीय सुमेर सिंह कोहाड़ ने 1100 रुपये दान कर दी इंसानियत की मिसाल

पंजाब बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हर कोई आगे आ रहा है. सितारों और संगठनों के साथ ही हरियाणा के किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ के 101 वर्षीय दादा जी सुमेर सिंह कोहाड़ ने भी बड़ा संदेश दिया है. उन्होंने अपनी उम्र और हालात के बावजूद 1100 रुपये बाढ़ प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए दान किए. यह राशि भले ही छोटी हो, लेकिन इसका महत्व बहुत बड़ा है क्योंकि यह इंसानियत और सेवा की मिसाल है. उनका यह कदम लोगों को प्रेरित करता है कि मुश्किल घड़ी में हर कोई, अपनी क्षमता अनुसार, मदद कर सकता है.

रणदीप हुड्डा ने थामा गुरदासपुर का हाथ

रणदीप हुड्डा ने ग्लोबल सिख एनजीओ संग बांटी राहत सामग्री

गुरदासपुर इस बार बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से है. यहां राहत कार्यों में अभिनेता रणदीप हुड्डा ने भी सक्रिय भूमिका निभाई. वे ग्लोबल सिख एनजीओ के साथ मिलकर प्रभावित परिवारों तक राहत पहुंचा रहे हैं. खाने-पीने का सामान, दवाइयां और टेंट जैसी जरूरी चीजें यहां लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं. रणदीप ने खुद सोशल मीडिया पर अपील की कि लोग आगे बढ़कर सहयोग करें.

पंजाबी कलाकारों का सराहनीय योगदान

पंजाब के सितारे बने सहारा, बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़े

पंजाब का एंटरटेनमेंट जगत भी इस आपदा की घड़ी में पीछे नहीं रहा. करण औजला, जसबीर जस्सी, सतिंदर सरताज, सुनंदा शर्मा और गिप्पी ग्रेवाल जैसे बड़े कलाकार जमीनी स्तर पर राहत कार्यों में जुड़े. वहीं सतिंदर सरताज ने अपने सरताज फाउंडेशन के जरिए 500 से ज्यादा परिवारों को राहत सामग्री दी. साथ ही गायक एमी विर्क ने 200 घर गोद लेकर बेघर परिवारों को स्थायी मदद देने का ऐलान किया और गिप्पी ग्रेवाल और उनकी टीम गांव-गांव जाकर खाना, कपड़े और दवाइयां बांट रहे हैं.

गांव-गांव में सेवा भावना

सिख धर्म की एक अहम सीख है- नानक नाम चढ़दी कला, तेरे भाने सरबत दा भला. यानी, हर हाल में सकारात्मक रहो और सबके भले की सोचो. यही भावना पंजाब के गांवों में दिखाई दे रही है. फाजिल्का और अजनाला जैसे इलाकों में एनजीओ और स्थानीय लोग मिलकर खाना बना रहे हैं, दवाइयां बांट रहे हैं और मवेशियों को बचा रहे हैं. राहत शिविरों में बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है.

मेरठ के किसानों ने दिखाई मिसाल

पंजाब के लोगों की मदद के लिए उत्तर प्रदेश के मेरठ के किसान भी आगे आए. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेतृत्व में मेरठ से 10 टन राहत सामग्री भेजी गई. इसमें चावल, दाल, तेल, मच्छरदानी, दवाइयां और 5000 पैकेट बिस्कुट तक शामिल थे. यह राहत सामग्री मेरठ के दर्जनों गांवों से मिलकर एकत्रित की गई. किसानों ने कहा- पंजाब हर आंदोलन में हमारे साथ खड़ा रहा है, अब हमारी बारी है.

हरियाणा के गांवों ने भी बढ़ाया हाथ

पड़ोसी राज्य हरियाणा के सिरसा जिले के गांव खारिया में पंचायत और सामाजिक संगठनों ने मिलकर बाढ़ पीड़ितों के लिए राशन और नकद राशि एकत्रित करने का फैसला लिया. यहां के सरपंच और समितियों ने कहा- पंजाब हमारा पड़ोसी है. मुश्किल घड़ी में मदद करना हमारा फर्ज है. गांव-गांव में लोग गेहूं और पैसा दान कर रहे हैं ताकि बाढ़ पीड़ित परिवारों तक राहत पहुंच सके.

उम्मीद की नई किरण

पंजाब की धरती बाढ़ से जरूर तबाह हुई है, लेकिन लोगों की हिम्मत और एकजुटता ने हालात को संभालने में बड़ी भूमिका निभाई है. कलाकारों, किसानों, संगठनों और आम लोगों ने मिलकर यह साबित कर दिया कि इंसानियत सबसे बड़ी ताकत है. आज जब बाढ़ से विस्थापित परिवार अपने टूटे घर और बर्बाद खेत देखकर मायूस हो जाते हैं, तो उनके पास पहुंची यह मदद उन्हें नई उम्मीद देती है.