Maa Chnadraghanta ki Poojan Vidhi: नवरात्रन के तीसरे दिन मां कें चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा होती है. मां का ये रूप सौम्यता और वीरता, दोनों का ही प्रतीक है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब राक्षसों का आतंक बहुत ज्यादा बढ़ गया था और सभी देवता संकट में थे. उस समय मां ने इन राक्षसों को खतम करने के लिए अपने माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र धारण कर लिया, जिसके कारण वे मां चंद्रघंटा कहलाईं. मां का ये रूप लोगों को ये संदेश देती हैं मां शांत और सरल स्वाभाव की हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर अघर्म का नाश करने के लिए मां रौद्र रूप भी ले सकती हैं.
मां चंद्रघंटा से जुड़ी पूरी कथा
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, महिषासुर नाम के राक्षस ने कड़ी तपस्या कर भगवान ब्रह्म से वरदान लिया था कि कोई देवता या पुरुष उसे मार नहीं सकेगा. इस वरदान के बाद महिषासुर ने अपना आतंक शुरू कर दिया. अपने वरदान के घमंड में चूर महिषासुर ने देवताओं को स्वर्ग से निकाल दिया और खुद इंद्रदेव के आसन पर बैठ गया. उसके आतंक से परेशान सभी देवताओं ने त्रिमूर्ति यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश,तीनों से मदद की गुहार लगाई, तब तीनों भगवानों ने मिलकर अपनी शक्तियों से एक देवी की रचना की जो थीं- मां दुर्गा.
यही मां दुर्गा जब महिषासुर का वध करने गईं तो उग्र रूप धारण कर लिया. अपने उग्र रूप में मां ने अपने माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र धारण किया, जिसके कारण वे चंद्रघंटा कहलाईं.

भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं मां चंद्रघंटा (Photo Credit- Canva)
इस विधि से करें मां की पूजा
मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी स्नान कर मां का ध्यान करना चाहिए. माता चंद्रघंटा अपने माथे पर मुकुट धारण करती हैं उसमें अर्धचंद्र और दिव्य घंटी लगी है. देवी मां की पूजा के लिए लाल और पीले फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए. पूजा में अक्षत, चंदन और भोग के लिए पेड़े चढ़ाना चाहिए. माना जाता है कि मंत्रों का जप, घी से दीपक जलाने, आरती, शंख और घंटी बजाने से माता प्रसन्न होती हैं और साधक की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
सकारात्मक उर्जा का संचार
जो भी भक्त मां चंद्रघंटा की साधना सच्चे मन से करते हैं उनके शरीर में सकारत्मक उर्जा का संचार होता है. मां चंद्रघंटा की साधना से मन से सभी डर, मानसिक तनाव और अशांति से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही मां, साहस आत्मविश्वास और शक्ति का भी प्रतीक है. मां को प्रसन्न करने के लिए आप उनके मंत्र ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः का जप भी कर सकते हैं.