भारत के गांव सिर्फ खेती-बाड़ी तक सीमित नहीं रहे. आज कई ऐसे गांव हैं जो आर्थिक रूप से बेहद समृद्ध और विकसित हो चुके हैं. ये गांव ना सिर्फ अपने क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में प्रगति की मिसाल बन गए हैं. चलिए जानते हैं भारत के पांच सबसे अमीर और विकसित गांवों के बारे में, जो अपनी मेहनत, तकनीक और सामूहिक प्रयासों से तरक्की की नई कहानी लिख रहे हैं.
1. मधापुर, गुजरात
गुजरात के कच्छ जिले का यह गांव एशिया का सबसे धनी गांव माना जाता है. यहां के कई लोग विदेशों में काम करते हैं और गांव में करीब 7,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की जमा राशि है. इस गांव के लोग विदेशों से आय लेकर अपने गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं.
2. हिवरे बाजार, महाराष्ट्र
अहमदनगर जिले का यह गांव पहले सूखे और गरीबी की मार झेलता था. लेकिन आज इसे “मिलियनेयर का गांव” कहा जाता है. यहां के लोगों ने मिलकर खेती, पानी के संरक्षण और सामुदायिक विकास में बड़ी सफलता हासिल की है. हिवरे बाजार ग्रामीण विकास का एक चमकता उदाहरण बन चुका है.
3. पुनसरी, गुजरात
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में ये गांव सबसे आगे है. खेती में ड्रोन और आधुनिक उपकरणों का उपयोग होता है, साथ ही यहां हर निवासी को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा भी मिलती है. तकनीक की मदद से खेती को आसान और बेहतर बनाया गया है.
4. शिंगनापुर, महाराष्ट्र
शिंगनापुर एक अनोखा गांव है जहां सामाजिक और आर्थिक सफलता साथ-साथ चली है. यहां के लोग सामूहिक खेती करते हैं और गांव के विकास के लिए मिलकर काम करते हैं. शिंगनापुर की खास बात इसका मजबूत सामाजिक ढांचा है, जहां लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं और आपस में भरोसा बनाए रखते हैं. यहां महिलाओं की भागीदारी भी काफी अधिक है, जो कृषि और अन्य व्यवसायों में सक्रिय हैं. गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य और सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है.
5. मरोग, हिमाचल प्रदेश
मरोग गांव हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा गांव है जो अपनी सेब की खेती और निर्यात के लिए प्रसिद्ध है. यहां के किसानों ने उन्नत कृषि तकनीक अपनाकर उत्पादन बढ़ाया है. सेब की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि इसे देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ विदेशों में भी निर्यात किया जाता है. इस निर्यात से गांव की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत हुई है. साथ ही, यहां की जलवायु और जमीन खेती के लिए बहुत उपयुक्त है, जिससे यह क्षेत्र लगातार फल-फूल रहा है.