दुनिया में अनगिनत महंगी चीजें हैं, लेकिन एक प्राकृतिक सुगंध ऐसी भी है जिसने हमेशा लोगों को हैरान किया है-कस्तूरी. इसकी कीमत इतनी अधिक होती है कि यह सोने, हीरे और प्लैटिनम जैसे महंगे धातुओं को भी पीछे छोड़ देती है. कस्तूरी न सिर्फ अपनी खुशबू के लिए मशहूर है, बल्कि इसके औषधीय महत्व और दुर्लभता ने इसे दुनिया की सबसे बहुमूल्य प्राकृतिक वस्तुओं में शामिल कर दिया है. आइए जानें कस्तूरी आखिर है क्या, कहां मिलती है और यह इतनी महंगी क्यों है.
कस्तूरी कहां से मिलती है?
कस्तूरी पौधों या पेड़ों से नहीं मिलती, बल्कि यह एक विशेष जंगली जीव नर कस्तूरी मृग (हिरण) से मिलती है. यह मृग हिमालय, नेपाल, तिब्बत और साइबेरिया के ठंडे पर्वतीय क्षेत्रों में पाया जाता है. इसके शरीर में नाभि के पास एक छोटी थैलीनुमा ग्रंथि होती है, जहां से कस्तूरी बनती है.
कस्तूरी मृग की संख्या बहुत कम होने के कारण इसकी उपलब्धता बेहद सीमित है, और यही इसे दुनिया की सबसे दुर्लभ प्राकृतिक सुगंध बनाती है.
कस्तूरी कैसी दिखती है?
ताजे रूप में कस्तूरी गहरे भूरे रंग की, चिपचिपी और काफी तीव्र गंध वाली होती है. समय के साथ सुगंध और भी संतुलित, गहरी और मोहक हो जाती है. इसका यही प्राकृतिक परिवर्तन इसे महंगे इत्रों में सबसे खास बनाता है. सुखाने के बाद यह पाउडर या छोटे ठोस दानों जैसा स्वरूप ले लेती है, जिसका उपयोग परफ्यूम और औषधियों में किया जाता है.
कस्तूरी इतनी महंगी क्यों होती है?
- कस्तूरी के इतने महंगे होने के प्रमुख कारण इसकी दुर्लभता, कम उपलब्धता, और अत्यधिक मांग हैं.
- दुनिया भर में सिर्फ नर कस्तूरी मृग ही कस्तूरी देता है, और वह भी बहुत कम मात्रा में.
- इसमें मौजूद सुगंधित यौगिक परफ्यूम इंडस्ट्री में फिक्सेटिव की तरह काम करते हैं—यानी किसी भी इत्र की खुशबू को लंबे समय तक टिकाए रखते हैं.
- कस्तूरी की एक छोटी-सी मात्रा भी परफ्यूम की सुगंध को कई गुना बेहतर और स्थायी बना देती है.इसी वजह से दुनिया के सबसे महंगे परफ्यूम कस्तूरी आधारित होते हैं.
आयुर्वेद में कस्तूरी का महत्व
कस्तूरी सिर्फ सुगंध नहीं, बल्कि आयुर्वेद में इसे बहुत प्रभावी औषधि माना जाता है. आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसके कई फायदे बताए गए हैं, जैसे—
- शरीर की सूजन कम करना
- मानसिक शांति और ऊर्जा बढ़ाना
- हृदय रोगों में सहायक
- बेहोशी और आघात की स्थिति में लाभकारी
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना
- इसकी प्राकृतिक शक्ति के कारण इसे प्राचीन उपचारों में बेहद सम्मान दिया जाता रहा है.
कितनी महंगी होती है कस्तूरी?
कस्तूरी की कीमत सुनकर कोई भी हैरान हो सकता है. कुछ बाजार रिपोर्टों के अनुसार 20 ग्राम कस्तूरी की कीमत 2.5 लाख रुपये तक और कस्तूरी पाउडर 30,000 रुपये प्रति किलो तक है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह कीमत कई गुना अधिक हो सकती है. उच्च मांग और कम उत्पादन के कारण इसका अवैध व्यापार भी तेजी से फैल रहा है.
कस्तूरी मृग का संरक्षण और कानूनी स्थिति
भारत में कस्तूरी मृग को सख्त संरक्षित वन्यजीव घोषित किया गया है. इसका शिकार पूरी तरह प्रतिबंधित है, और बिना अनुमति कस्तूरी का व्यापार अपराध माना जाता है. सरकार और वन विभाग मृग की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष संरक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं ताकि यह दुर्लभ प्रजाति विलुप्त न हो जाए.