World Record: अंगूर की बेलें सिर्फ फल देने वाले पौधे नहीं हैं, बल्कि कई संस्कृतियों के इतिहास, विरासत और परंपराओं का हिस्सा भी हैं. वाइन का इतिहास भले हजारों साल पुराना हो, लेकिन कुछ बेलें ऐसी हैं जो साम्राज्यों के बनते-बिगड़ते देख चुकी हैं. सैकड़ों बरसों से धरती में जड़ें जमाए ये बेलें समय के हर मौसम में फल देती रहीं और आज भी दुनिया को हैरत में डाल देती हैं. आइए जानते हैं इन बेहद पुरानी और अनोखी अंगूर की बेलों की कहानी, जिनमें सदियों का इतिहास अभी भी जीवित है.
416 साल पुरानी जंगली बेल
पूर्वी तिब्बत के जुओबा गांव में हाल ही में दुनिया ने एक ऐसी बेल खोजी है जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इसे “दुनिया की सबसे पुरानी जीवित जंगली अंगूर की बेल” घोषित किया है.
वैज्ञानिकों ने इसकी उम्र करीब 416 साल बताई है. खास बात यह है कि यह किसी इंसान ने नहीं लगाई, बल्कि प्राकृतिक रूप से उगी हुई जंगली बेल है यानी सदियों से प्राकृतिक वातावरण में खुद को संभालते हुए जीवित रही है.
यह बेल तिब्बत के जोगांग काउंटी के पहाड़ों में फैली हुई है और आज भी हर साल अंगूर देती है. मौसम चाहे जैसा भी हो, यह बेल अपनी मजबूती का प्रमाण देती रहती है. स्थानीय लोग इसे प्रकृति का चमत्कार मानते हैं.
स्लोवेनिया की ‘ओल्ड वाइन’
यूरोप के स्लोवेनिया के मारीबोर शहर में मौजूद “ओल्ड वाइन” नाम की बेल दुनिया की सबसे पुरानी खेती की गई अंगूर की बेल मानी जाती है. इसकी उम्र 450 साल से भी अधिक बताई जाती है. यह बेल मारीबोर की एक ऐतिहासिक इमारत की दीवार से लिपटी है और हर साल छोटे-छोटे गहरे रंग के अंगूर देती है.
यहां एक खास परंपरा भी है, हर साल वाइन फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. इस दौरान इसी बेल के अंगूरों से तैयार वाइन को सम्मानपूर्वक पेश किया जाता है. माना जाता है कि यह बेल ओटोमन साम्राज्य के दौर से चली आ रही है और अब भी उतनी ही स्वस्थ और फलदार है.
इटली की 350 साल पुरानी विरासत
इटली के दक्षिण टायरॉल क्षेत्र के प्रिसियानो गांव में भी एक बेहद पुरानी अंगूर की बेल मौजूद है, जिसकी उम्र लगभग 350 साल मानी जाती है. यह बेल एक पुराने महल के नीचे उगी है और आज भी खूब फल देती है. स्थानीय लोग इसे सिर्फ पौधा नहीं, बल्कि अपनी “जीवित विरासत” मानते हैं. बदलते मौसम और लंबी ठंड के बावजूद यह बेल हमेशा हरी-भरी रहती है.
इस बेल की देखभाल खास रिवाजों के साथ की जाती है. कुछ मौसमों में लोग इसकी पूजा भी करते हैं. उनके अनुसार, इस बेल का जीवित रहना प्रकृति, जलवायु और मानव देखभाल का अनूठा संगम है.
इतनी पुरानी बेलें कैसे जिंदा रहती हैं?
सदियों तक जीवित रहने वाली इन बेलों की ताकत सिर्फ मिट्टी या मौसम में नहीं छुपी होती, बल्कि उनके अनुकूलन क्षमता में भी है. विशेषज्ञ मानते हैं कि पहाड़ी और संतुलित जलवायु, साफ हवा, जमीन की प्राकृतिक उर्वरता और मानव देखभाल, इन्हें लंबे समय तक जीवित रखती है.