उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है. पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति जारी कर दी है. यह नीति अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर गन्ना एवं चीनी आयुक्त द्वारा लागू की गई है. खास बात यह है कि गन्ना आपूर्ति नीति के तहत प्रदेश की सभी चीनी मिलों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को गन्ना पर्चियों का समय पर निकासी करें और आपूर्ति की पूरी व्यवस्था स्पष्ट और पारदर्शी रखें.
गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने कहा कि पेराई सत्र 2025-26 के लिए जारी सट्टा और आपूर्ति नीति में कई बदलाव किए गए हैं, ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके. इसमें खासतौर पर लघु और महिला किसानों को प्राथमिकता दी गई है. नीति का उद्देश्य यह है कि चीनी मिलों की पेराई क्षमता, किसानों की सहूलियत और गन्ने की उपलब्धता के बीच संतुलन बना रहे. साथ ही इस बार पहली बार यह व्यवस्था की गई है कि गन्ना समिति के नए किसान सदस्यों को गन्ना सट्टा (कोटा) उस चीनी मिल की औसत आपूर्ति या फिर जिले की गन्ना उत्पादकता के 70 फीसदी जो भी ज्यादा हो, उसके अनुसार मिलेगा. यह फैसला किसानों को प्रोत्साहित करने और उन्हें बराबरी का मौका देने के लिए लिया गया है.
छोटे और महिला किसानों को होगा फायदा
आयुक्त ने जानकारी दी है कि पेराई सत्र 2025-26 के लिए जारी गन्ना सट्टा नीति में सरकार की मंशा के अनुसार छोटे और महिला किसानों को खास प्राथमिकता दी गई है.इस बार छोटे गन्ना किसानों (81 कुंतल सट्टा वाले) को पेड़ी गन्ने की पर्चियां 1 से 3 पक्ष में और पौधा गन्ने की पर्चियां 7 से 9 पक्ष में जारी की जाएंगी. इससे प्रदेश के करीब 13.12 लाख छोटे गन्ना किसान लाभ उठा सकेंगे.
पर्चियों के लिए अलग-अलग समय
पहली बार अति लघु गन्ना किसान (36 कुंतल या 4 पर्ची वाले) और लघु महिला गन्ना किसान (81 कुंतल या 9 पर्ची वाले) को पेड़ी और पौधा गन्ने की पर्चियों के लिए अलग-अलग समय दिया गया है. अति लघु किसानों को 100 फीसदी पेड़ी गन्ने की पर्चियां 1वें पक्ष में और पौधा गन्ने की पर्चियां 7वें पक्ष में दी जाएंगी. लघु महिला किसानों को 100 फीसदी पेड़ी गन्ने की पर्चियां 1 से 3 पक्ष में और पौधा गन्ने की पर्चियां 7 से 9 पक्ष में जारी होंगी. इस फैसले से करीब 3.75 लाख अति लघु गन्ना किसान और 6,268 लघु महिला किसान लाभान्वित होंगे.
48 फीसदी पर्चियां 10वें पखवाड़े में जारी की जाएंगी
आयुक्त ने कहा है कि इस बार नए समिति सदस्यों के लिए एक नई सुविधा दी गई है. जिन किसानों के पास पेड़ी गन्ना या शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्चियां पहली बार 5वें से 12वें पखवाड़े तक लगाई जा सकेंगी. वहीं, जिनके पास सिर्फ पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां पिछले साल की तरह 7वें पखवाड़े से ही लगेंगी. इस फैसले से करीब 1 लाख नए गन्ना किसानों को फायदा मिलेगा. पेराई सत्र 2025-26 की सट्टा नीति के अनुसार, किसानों को सामान्य तौर पर एक कालम में अधिकतम 4 पर्चियां (बेसिक मोड) दी जाएंगी. लेकिन जिन किसानों के पास 2500 क्विंटल या उससे अधिक गन्ना सट्टा है, उन्हें एक कालम में अधिकतम 8 पर्चियां दी जा सकती हैं. इसके अलावा जिन किसानों के पास 100 फीसदी पेड़ी गन्ना है, उनकी 52 फीसदी पर्चियां 6वें पखवाड़े तक और बाकी 48 फीसदी पर्चियां 7वें से 10वें पखवाड़े में जारी की जाएंगी.
इस आधार पर होगा कोटा का निर्धारण
पेराई सत्र 2025-26 में अगर कोई किसान मैकेनिकल हार्वेस्टिंग (मशीन से कटाई) के लिए आवेदन करता है, तो उसे पारिवारिक कैलेंडर की सुविधा दी जाएगी. इसका मकसद यह है कि गन्ना कटाई में मजदूरों की कमी को देखते हुए किसानों को मशीन से कटाई का विकल्प मिले, जिससे खेती करना आसान हो जाए. इसके अलावा, जो पुराने किसान सदस्य केवल वर्ष 2024-25 में ही गन्ना सप्लाई कर चुके हैं, उनके बेसिक कोटा का निर्धारण इस आधार पर किया जाएगा.