खेती की अच्छी शुरुआत हमेशा सही जुताई से होती है. अगर खेत की मिट्टी ठीक से तैयार नहीं होगी, तो बीज कितना भी अच्छा क्यों न हो, फसल से उम्मीद के मुताबिक उत्पादन नहीं मिल पाता. आज के समय में रोटावेटर किसानों के लिए सबसे भरोसेमंद और जरूरी कृषि यंत्र बन चुका है. यह न सिर्फ मिट्टी को भुरभुरा करता है, बल्कि खेत को समतल कर बीज बोने के लिए पूरी तरह तैयार भी करता है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि आपके ट्रैक्टर के लिए कौन-सा रोटावेटर साइज सही रहेगा-5 फीट, 6 फीट या 7 फीट?
अक्सर किसान जल्दबाजी में या दूसरों को देखकर रोटावेटर खरीद लेते हैं, जिसका असर ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस, डीजल खर्च और मिट्टी की गुणवत्ता पर पड़ता है. इसलिए रोटावेटर चुनते समय ट्रैक्टर की हॉर्सपावर, खेत का आकार और मिट्टी की किस्म को समझना बेहद जरूरी है.
रोटावेटर क्या करता है और सही साइज क्यों जरूरी है?
रोटावेटर ट्रैक्टर के पीटीओ से चलने वाला यंत्र होता है, जिसमें कई ब्लेड लगे होते हैं. ये ब्लेड मिट्टी को काटते, पलटते और बारीक करते हैं. अगर रोटावेटर जरूरत से छोटा है, तो खेत की तैयारी में ज्यादा समय लगेगा. वहीं अगर यह जरूरत से बड़ा हुआ, तो ट्रैक्टर पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा, जिससे इंजन गर्म होना, ज्यादा डीजल खर्च और मशीन की उम्र कम होना जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं.
5 फीट रोटावेटर: छोटे और हल्के कामों के लिए
5 फीट रोटावेटर आमतौर पर 30 से 40 हॉर्सपावर के ट्रैक्टर के लिए उपयुक्त माना जाता है. यह साइज उन किसानों के लिए अच्छा है जिनके खेत छोटे हैं या जो सब्जी की खेती, बागवानी या हल्की मिट्टी में काम करते हैं. इस रोटावेटर से डीजल की खपत कम होती है और ट्रैक्टर पर भी ज्यादा जोर नहीं पड़ता. जिन इलाकों में मिट्टी रेतीली या दोमट है, वहां 5 फीट रोटावेटर काफी अच्छा प्रदर्शन देता है.
6 फीट रोटावेटर: सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला विकल्प
6 फीट रोटावेटर को किसानों का सबसे संतुलित विकल्प माना जाता है. यह आमतौर पर 40 से 50 हॉर्सपावर के ट्रैक्टर के साथ बेहतर काम करता है. मध्यम आकार के खेत, सामान्य मिट्टी और फसल अवशेष मिलाने के लिए यह साइज बेहद कारगर है. इससे खेत जल्दी तैयार होता है और मिट्टी की बारीकी भी संतोषजनक रहती है. यही वजह है कि देश के अधिकांश किसान 6 फीट रोटावेटर को प्राथमिकता देते हैं.
7 फीट रोटावेटर: बड़े खेत और भारी मिट्टी के लिए
अगर आपके पास 50 हॉर्सपावर या उससे अधिक क्षमता वाला ट्रैक्टर है और खेत बड़े हैं, तो 7 फीट रोटावेटर बेहतर विकल्प हो सकता है. यह भारी और कठोर मिट्टी में गहरी जुताई के लिए उपयोगी होता है. बड़े साइज की वजह से खेत कम समय में तैयार हो जाता है, लेकिन इसमें डीजल की खपत थोड़ी ज्यादा होती है. इसलिए छोटे खेत या कम एचपी वाले ट्रैक्टर के साथ इसका इस्तेमाल नुकसानदायक साबित हो सकता है.
ट्रैक्टर की हॉर्सपावर का सही तालमेल जरूरी
रोटावेटर चुनते समय सबसे जरूरी बात ट्रैक्टर की शक्ति और रोटावेटर की चौड़ाई का संतुलन है. कम हॉर्सपावर वाले ट्रैक्टर पर बड़ा रोटावेटर लगाने से इंजन पर दबाव बढ़ता है, जबकि ज्यादा हॉर्सपावर के ट्रैक्टर पर बहुत छोटा रोटावेटर लगाने से काम की गति कम हो जाती है. सही तालमेल से न सिर्फ बेहतर जुताई होती है, बल्कि मशीन की उम्र भी बढ़ती है.
किसानों के लिए आसान रास्ता
अगर आपके पास 30 हॉर्सपावर तक का ट्रैक्टर है, तो 5 फीट रोटावेटर आपके लिए सुरक्षित और किफायती रहेगा. 40 हॉर्सपावर वाले ट्रैक्टर के साथ 6 फीट रोटावेटर सबसे संतुलित विकल्प माना जा सकता है. वहीं 50 हॉर्सपावर या उससे ज्यादा क्षमता वाले ट्रैक्टर और बड़े खेतों के लिए 7 फीट रोटावेटर बेहतर परिणाम देता है.
सही चुनाव से बढ़ेगा फायदा
रोटावेटर सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि आपकी खेती की नींव है. सही साइज चुनने से डीजल की बचत होती है, मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है और फसल की पैदावार पर सीधा असर पड़ता है. इसलिए खरीदारी से पहले अपने ट्रैक्टर की क्षमता, खेत का आकार और मिट्टी की स्थिति को जरूर समझें. सही फैसला आपकी मेहनत को सही दिशा और बेहतर मुनाफा दोनों दिला सकता है.