उत्तर प्रदेश का शाहजहांपुर में धान घोटाला का एक नया मामला सामने आया है. एक राइस मिल पर धान खरीद में धांधली करने का आरोप है. अब इस पूरे मामले की जांच एसटीएफ करेगी. दरअसल, धान खरीद में करीब 200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत दर्ज कराई गई थी. यह शिकायत रोजा थाना क्षेत्र के रहने वाले सुनील कुमार सिंह ने कई महीने पहले की थी. उन्होंने एक राइस मिलर पर फर्जी तरीके से धान खरीद कर बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया था.
सुनील कुमार सिंह ने अपने शिकायत पत्र में बताया कि सीतापुर रोड पर स्थित एक राइस मिल का मालिक फर्जी दस्तावेजों के जरिए बड़े पैमाने पर धान खरीद का रैकेट चला रहा है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला विपणन अधिकारी ने जांच के लिए एक टीम गठित की थी. बाद में अपर आयुक्त खाद्य, कामता प्रसाद ने भी इस मामले में जांच की और संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए थे.
अब एसटीएफ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई
शिकायतकर्ता सुनील कुमार सिंह विभागीय जांच से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने मामले की पूरी जानकारी और सबूत ददरौल विधायक अरविंद कुमार सिंह को सौंप दिए. विधायक ने मामला गंभीर मानते हुए इसे शासन के संज्ञान में लाया. इसके बाद शासन ने कार्रवाई करते हुए अपर आयुक्त, खाद्य एवं रसद विभाग राममूर्ति पांडे के आदेश पर अब एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.
दुकानदारों और रिक्शा चालकों को फर्जी किसान बनाया
आरोप है कि राइस मिल मालिक ने भूमिहीन लोगों, छात्रों, दुकानदारों और रिक्शा चालकों को फर्जी किसान बनाकर उनके नाम पर धान खरीदी करवाई. इन लोगों को 1000 से 1500 रुपये देकर खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल पर उनका पंजीकरण और सत्यापन कराया गया. शिकायतकर्ता सुनील कुमार सिंह का कहना है कि इन फर्जी किसानों से ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगवाकर उनके बैंक खातों में सरकारी भुगतान भेजा गया. बाद में यह पैसा मिल मालिक और उसके करीबी लोगों की फर्मों में ट्रांसफर करा लिया गया. कुछ मामलों में नकद भुगतान भी लिया गया.
गलत खाता-खतौनी दिखाकर धान की फर्जी खरीद
धान खरीद घोटाले को लेकर ददरौल विधायक अरविंद सिंह ने यह मामला विधानसभा में उठाया था. बताया जा रहा है कि उनके दखल के बाद ही शासन ने मामले को गंभीरता से लिया और अब इसकी जांच एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को सौंपी जा रही है. विधायक अरविंद सिंह लगातार इस घोटाले की जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा है कि हम लगातार इसकी शिकायत कर रहे हैं. इसमें गलत खाता-खतौनी दिखाकर धान की फर्जी खरीद की गई है.