भारी बारिश और भूस्खलन के बावजूद सेब का बंपर कारोबार, मंडियों में पहुंचे 1.73 करोड़ एप्पल बॉक्स

हिमाचल में भारी बारिश और सड़कों के नुकसान के बावजूद इस साल सेब उत्पादन और बिक्री में बढ़ोतरी हुई. 1.73 करोड़ सेब बॉक्स मंडियों में पहुंचे और HPMC के प्रोसेसिंग प्लांट्स रोज 400 टन सेब प्रोसेस कर रहे हैं. सरकार ने किसानों की मदद के लिए कई उपाय किए हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 20 Sep, 2025 | 04:39 PM

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और सड़कों को बड़े पैमाने पर नुकसान के बावजूद, पिछले तीन महीनों में 1.73 करोड़ से ज्यादा सेब के बॉक्स कई मंडियों तक पहुंचाए गए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 27 जून से 15 सितंबर के बीच कुल 1,73,74,204 सेब के बॉक्स (प्रत्येक 20 किलो) बाजारों तक पहुंचे. यह पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,23,18,924 बॉक्स बाजारों में भेजे गए थे.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को निर्देश दिए थे कि सेब सीजन में किसानों को किसी तरह की परेशानी और नुकसान न हो. इसके लिए बंद और टूटी सड़कों को जल्द से जल्द खोला जाए. विभाग ने दिन-रात काम करके ज्यादातर सड़कों को या तो पूरी तरह ठीक कर दिया या अस्थायी रूप से खोल दिया, जिससे सेब की ढुलाई में कोई रुकावट न आए.

रोजाना 400 टन सेब की प्रोसेसिंग

इस बीच, हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग कॉरपोरेशन (HPMC) के पराला (शिमला), परवाणू (सोलन) और जारोल (मंडी) स्थित फल प्रसंस्करण प्लांट पूरी क्षमता के साथ चल रहे हैं और रोजाना करीब 400 टन सेब की प्रोसेसिंग कर रहे हैं. खराब मौसम के बावजूद राज्य सरकार सेब किसानों को हर संभव सहायता दे रही है, ताकि उन्हें किसी भी तरह का आर्थिक नुकसान न हो. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, शिमला और किन्नौर की कृषि उपज विपणन समिति (APMC) के जरिए इस साल 1,09,86,863 सेब के बॉक्स बिके, जबकि पिछले साल यही आंकड़ा 77,40,164 था. मंडी APMC से इस बार 16,81,055 बॉक्स बिके, जो पिछले साल के 89,19,893 बॉक्स से कम हैं. सोलन APMC में इस बार 24,90,835 बॉक्स की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल 22,18,685 बॉक्स बिके थे. कुल्लू APMC में इस बार 20,88,374 बॉक्स बिके, जो पिछले साल के 14,03,392 बॉक्स से ज्यादा हैं.

अतिरिक्त ट्रकों की व्यवस्था करने के मिले निर्देश

सेब की ढुलाई को सुचारु बनाने के साथ-साथ सरकार ने बागवानों को ‘मार्केट इंटरवेंशन स्कीम’ (MIS) के तहत भी फायदे दिए हैं. HPMC के माध्यम से अब तक 55,000 मीट्रिक टन से ज्यादा सेब खरीदे जा चुके हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है. प्रवक्ता के मुताबिक, HPMC ने 274 कलेक्शन सेंटर बनाए हैं, जहां सेब की खरीद लगातार जारी है. हालांकि, कुछ इलाकों में सड़कें बंद होने के कारण ट्रक वहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने सेब की समय पर उठान सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त ट्रकों की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. हमने बागवानों को उचित दाम दिलाने और बिचौलियों की लूट रोकने के लिए यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था शुरू की है.

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Published: 20 Sep, 2025 | 04:34 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

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