Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में पिछले दो महीने से हो रही भारी बारिश के चलते सिरमौर जिले में फसलों की बहुत अधिक बर्बादी हुई है. खासकर अदरक की खेती करने वाले किसानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है. किसानों का कहना है कि बारिश के चलते अदरक की फसल में राइजोम रॉट यानी गांठ सड़न रोग फैल गया है, जिससे जिले की लगभग 25 फीसदी अदरक की फसल बर्बाद हो गई. कृषि विभाग के शुरुआती अनुमान के मुताबिक, किसानों को अब तक 24.5 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. वहीं, मंडियों में अदरक के दामों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. पिछले हफ्ते जहां अदरक 5,000 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल बिका, वहीं अब दाम गिरकर 3,500 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए हैं. हालांकि खुली खुदरा बाजारों में यही अदरक 10,000 प्रति क्विंटल से भी ऊपर बिक रहा है, जो थोक और खुदरा कीमतों के बीच की बड़ी खाई को दर्शाता है. ऐसे में कहा जा रहा है कि उत्पादन में गिरावट आने से रिटेल मार्केट में अदरक महंगा हो सकता है.
ऐसे सिरमौर में करीब 1,867 हेक्टेयर में अदरक की खेती होती है, जिससे हर साल औसतन 1.96 लाख क्विंटल अदरक का उत्पादन होता है. सामान्य वर्षों में यह नकदी फसल किसानों को करीब 100 करोड़ रुपये का व्यापार देती है. लेकिन इस बार राइजोम रॉट के प्रकोप ने कई किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. कृषि उप-निदेशक डॉ. राज कुमार ने कहा कि शिलाई और श्री रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्रों के कई गांवों से बड़े पैमाने पर नुकसान की रिपोर्ट मिली है.
सड़ रही हैं अदरक की फसल
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. राज कुमार ने कहा कि बारिश ज्यादा होने के कारण अदरक की फसलों में सड़न फैल गई है. फील्ड से मिली रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 25 फीसदी फसल खराब हो चुकी है और इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है. उन्होंने कहा कि इस बार ऐसा नुकसान हुआ है जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा. एक किसान ने कहा कि मैं पिछले 15 सालों से अदरक उगा रहा हूं, लेकिन इस बार फसल लगभग पूरी तरह बर्बाद हो गई. जो बीज बोया था, उसका आधे से ज्यादा हिस्सा जमीन में ही सड़ गया. हमें बाजार में अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब कर्ज का डर सता रहा है. खासकर महिला किसान भी इस नुकसान से उतनी ही प्रभावित हैं.
1,800 हेक्टेयर में अदरक की खेती
सिरमौर की अदरक को एक समय अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली हुई थी. 1980 के दशक में यहां की सूखी अदरक (जिसे सौंठ कहा जाता है) की देश-विदेश में भारी मांग थी. हालांकि अब बड़े पैमाने पर उत्पादन घट गया है, लेकिन पच्छाद क्षेत्र के सराहन और राजगढ़, नाहन, सैंधार, और शिलाई व श्री रेणुका जी के कई इलाकों में आज भी अच्छी मात्रा में अदरक की खेती होती है. सिरमौर में भले ही अदरक की खेती का रकबा धीरे-धीरे कम हो रहा हो, लेकिन अभी भी यह फसल 1,800 हेक्टेयर से ज्यादा इलाके में उगाई जा रही है. बावजूद इसके, गिरते बाजार भाव, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कमी और बार-बार होने वाली बीमारियों ने किसानों का उत्साह कमजोर कर दिया है.