Punjab News: पंजाब में धान कटाई शुरू होने के साथ ही पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं. ऐसे में पराली जलाने को लेकर किसान और सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. एफआईआर दर्ज करने और कुछ किसानों की गिरफ्तारी को लेकर विवाद तेज हो गया है. इसी बीच, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) ने पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने के लिए जमीन स्तर पर 10,500 से ज्यादा कर्मचारियों को तैनात किया है. साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल की भी तैनाती की गई है.
इन अधिकारियों को हॉटस्पॉट (ज्यादा पराली जलाने वाले इलाकों) की पहचान और जिला-स्तर पर कार्रवाई की योजना के बारे में ब्रीफ किया गया है. संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की भी तैनाती की गई है. पिछले हफ्ते, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की एक बैठक में राज्य सरकार के अधिकारियों को जरूरी कदमों के बारे में जानकारी दी गई थी. पंजाब सरकार ने CAQM को सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, जिसमें पर्यावरण जुर्माना, रेड एंट्री और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत एफआईआर शामिल हैं.
पराली जलाने की 90 से ज्यादा घटनाएं
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक, लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (PRSC) ने पराली जलाने की 90 से ज्यादा घटनाएं रिकॉर्ड की हैं. इनमें से 47 मामलों में पर्यावरण जुर्माना लगाया गया है, 49 एफआईआर दर्ज हुई हैं और 32 मामलों में किसानों के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है. दूसरी ओर किसान संगठनों ने इन कार्रवाइयों का विरोध किया है और चेतावनी दी है कि अगर किसानों पर दबाव बनाया गया तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.
किसानों को दी गईं 1.48 लाख मशीनें
वरिष्ठ PPCB अधिकारी का कहना है कि सरकार की पहली प्राथमिकता वायु गुणवत्ता को बचाना है. पिछले छह सालों में 1.48 लाख से ज्यादा फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनें किसानों को दी गई हैं और इस साल 12,500 और मशीनें दी जा रही हैं.
पराली प्रबंधन के लिए इको-फ्रेंडली योजना शुरू
वहीं, पंजाब सरकार ने पराली प्रबंधन को लेकर एक नई और बड़ी सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) योजना शुरू की है. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि इस अभियान का मकसद पूरे राज्य में लोगों, छात्रों और किसानों को सीधे जोड़कर पर्यावरण के अनुकूल तरीकों को अपनाने की सोच विकसित करना है. इस अभियान के तहत 50 प्रचार वैन राज्यभर में घूमेंगी और लोगों को जागरूक करेंगी. साथ ही, 444 नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे, ताकि पराली जलाने के नुकसान और CRM तकनीक के फायदों की जानकारी लोगों तक पहुंच सके. इसके अलावा, पूरे राज्य में 12,500 दीवारों पर पेंटिंग बनवाई जाएंगी, जिनमें पराली प्रबंधन के फायदे और जलाने से होने वाले नुकसान को दर्शाया जाएगा.