आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ़स्टाइल में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. एक ऐसा फल हैं, जिसे आपको रोजाना अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए. बाजार में बड़ी आसानी से मिलने वाला पपीता एक ट्रॉपिकल फल है, जो विटामिन C, एंटीऑक्सिडेंट्स और कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है. पपीता न केवल खाने में स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसके कई हेल्दी बेनेफिट्स भी हैं. यह कई प्रकार से आपके स्वास्थ्य समस्याओं को सुधरने में मदद कर सकता है. आइए जानते हैं पपीता के सेवन से होने वाले फायदे और इसे अपने आहार में शामिल करने के तरीकों के बारे में.
स्वादि और पोषक तत्वों से भरपूर
पपीता एक बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है, जिसे आप कच्चा या पकाकर भी कहा सकते हैं. यह मूल रूप से सेंट्रल अमेरिका और सदर्न मेक्सिको में पाया जाता था, लेकिन आज के समय में इसे दुनिया भर में उगाया जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह फल पपैन (Papain) नामक एंजाइम से भरपूर होता है, जो प्रोटीन को पचाने में मदद करता है. यही कारण है कि प्राचीन समय से इसे मांस को मुलायम बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता रहा है. एक छोटे पपीते (152 ग्राम) में कैलोरी 59, कार्बोहाइड्रेट 15 ग्राम, फाइबर 3 ग्राम, प्रोटीन 1 ग्राम, विटामिन C 157% (रोजाना की जरूरत का), विटामिन A 33%, फोलेट (विटामिन B9) 14%, पोटैशियम 11% जैसे पोशाक तत्व पाए जाते है. इसके साथ ही इनमें अन्य प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जैसे की कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन B1, B3, B5, E, और K.
शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर
हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स नामक हानिकारक तत्व बनते हैं, जो बीमारियों और बुढ़ापे की वजह बन सकते हैं. पपीता में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स, विशेष रूप से लाइकोपीन(Lycopene), इन फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में मदद करता है. किए रिसर्च के अनुसार पका हुआ पपीता खाने से डीएनए को होने वाले नुकसान में 40% तक की कमी हो सकती है. यह कैंसर और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है.
कैंसर से बचाव में सहायक
बता दें की पका हुआ पपीता खाने से डीएनए को होने वाले नुकसान में 40% तक की कमी हो सकती है. यह कैंसर और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है. किए गए रिसर्च के अनुसार, 14 अलग-अलग फलों और सब्जियों में से केवल पपीता ही ऐसा था जिसने ब्रेस्ट कैंसर की सेल्स को बढ़ने से रोका.
दिल की सेहत को बनाए मजबूत
पपीता विटामिन C और लाइकोपीन से भरपूर होता है, जो दिल की धमनियों (arteries) को हेल्थी रखने में मदद करता है. एक तो वहीं एक रिसर्च में पाया गया कि 14 हफ्तों तक पपीता खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है.
सूजन को कम करने में मददगार
क्रॉनिक इंफ्लेमेशन (Chronic Inflammation) यानी लंबे समय तक शरीर में सूजन रहना कई बीमारियों की जड़ होती है. जो लोग ज्यादा कैरोटीनॉयड (Carotenoids) युक्त फल और सब्जियां खाते हैं, उनमें सूजन के स्तर में कमी देखी जाती है. पपीते में कैरोटीनॉयड की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है.
पाचन को सुधारने में सहायक
पपीते में मौजूद पपैन एंजाइम खाने को पचाने में मदद करता है. यह विशेष रूप से कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद होता है. 40 दिनों तक पपीते का सेवन करने से कब्ज और सूजन जैसी समस्याओं में काफी सुधार देखा गया. इसके अलावा, पपीते के बीज, पत्ते और जड़ें भी पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.
त्वचा को ठीक रखने में मदद करता है
बढ़ती उम्र के साथ त्वचा पर झुर्रियां, ढीलापन और धूप से होने वाले नुकसान बढ़ जाते हैं. पपीते में मौजूद विटामिन C और लाइकोपीन त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों और झुर्रियों से बचाने में मदद करता है. एक रिसर्च में देखा गया कि 10-12 हफ्तों तक लाइकोपीन का सेवन करने से त्वचा को सूरज की रोशनी से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.