दिल्ली की हवा क्यों होती है हर साल जहरीली? जानिए 7 बड़े कारण

सर्दियों के आने के साथ ही राजधानी की हवा जहरीली गैसों, धूल और धुएं से भर जाती है. यह सिर्फ दृश्य को धुंधला नहीं करती, बल्कि फेफड़े, दिल और नाक-गले की बीमारियों का कारण भी बनती है. आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ, ये रोजमर्रा की कहानी बन गई है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 17 Oct, 2025 | 09:08 AM

Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर की हवा इस समय लोगों के लिए एक बड़ा डर बन गई है. सर्दियों के आने के साथ ही शहर में घना स्मॉग और जहरीली धुंध छा गई है. आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ, ये रोजमर्रा की कहानी बन गई है. हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने भी चेताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अब ‘बहुत खराबश्रेणी में पहुंच चुका है.

हर साल इस समय, राजधानी की हवा जहरीली गैसों, धूल और धुएं से भर जाती है. यह सिर्फ दृश्य को धुंधला नहीं करती, बल्कि फेफड़े, दिल और नाक-गले की बीमारियों का कारण भी बनती है. आइए जानते हैं दिल्ली की हवा को इतनी खतरनाक बनाने वाले 7 बड़े कारण और उनसे बचने के आसान उपाय.

पड़ोसी राज्यों में फसल जलाना

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों को जलाते हैं. यह आसान उपाय लगता है, लेकिन इसके धुएं में हानिकारक कण होते हैं जो हवा में मिलकर सीधे दिल्ली पहुंच जाते हैं. एक दिन का धुआं ही शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स को बहुत खराब श्रेणी में धकेल सकता है.

सर्दियों में ठंडी और स्थिर हवा

सर्दियों की ठंडी हवा जमी रहती है और प्रदूषक कण जमीन के पास फंस जाते हैं. हवा में घुलने की जगह नहीं होने के कारण स्मॉग बढ़ता है. यही वजह है कि अक्टूबर से जनवरी तक में दिल्ली की हवा सबसे जहरीली महसूस होती है.

बढ़ती आबादी और ट्रैफिक

करोड़ से ज्यादा आबादी वाला दिल्ली शहर हर साल तेजी से बढ़ रहा है. अधिक लोग, अधिक वाहन, अधिक ऊर्जा खपत और बढ़ता कचरा, ये सब हवा को और जहरीली बनाते हैं.

सड़क पर ट्रैफिक जाम और वाहन उत्सर्जन

दिल्ली की सड़कों पर हर रोज हजारों वाहन चलते हैं. पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहन हवा में हानिकारक गैसें छोड़ते हैं. पर्याप्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट न होने के कारण लोग निजी वाहनों पर निर्भर हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण दोनों बढ़ जाते हैं.

त्योहारों में पटाखों का धुआं

दिवाली और अन्य त्योहारों में पटाखों से निकलने वाला धुआं हवा की गुणवत्ता को और बिगाड़ देता है. सल्फर डाइऑक्साइड और हानिकारक पार्टिकल्स हवा में घुलकर सांस लेने वाले लोगों के लिए खतरा बन जाते हैं.

निर्माण कार्य और धूल

दिल्ली में तेजी से चल रहे निर्माण कार्य भी प्रदूषण में इजाफा करते हैं. बड़े बिल्डिंग साइट्स और सड़क निर्माण के कारण धूल हवा में उड़ती है, जिससे सांस लेने में परेशानी बढ़ती है और शहर के लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है.

खुद को और घर को सुरक्षित रखें

मास्क पहनें: N95 या P100 मास्क हवा में मौजूद हानिकारक कणों से बचाव करते हैं.

घर के अंदर रहें: प्रदूषण ज्यादा होने पर बाहर निकलना कम करें.

एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें: HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर घर की हवा को साफ रखते हैं.

घर को साफ रखें: नियमित रूप से धूल हटाएं और वैक्यूमिंग करें.

संतुलित आहार लें: फल, सब्जियां, मछली और नट्स फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं.

स्वास्थ्य पर ध्यान दें: खांसी, सांस लेने में तकलीफ या गले में जलन हो तो डॉक्टर से तुरंत मिलें.

दिल्ली की हवा अब सिर्फ असुविधा का कारण नहीं रही, यह हर साल स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही है. लेकिन इन आसान उपायों और सतर्कता से हम अपने और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं. याद रखें, साफ हवा सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, हमारी भी जिम्मेदारी है.

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