‘मैंगो मैन’ कलीमुल्लाह खान ने इस दिग्गज नेता के नाम पर ईजाद की आम की नई किस्म

 दुनियाभर में आमों के लिए मशहूर लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र की बात करते हुए कलीमुल्लाह खान ने कहा कि साल 1919 में यहां 1,300 से ज्यादा आम की किस्में थीं, लेकिन वक्त के साथ कई गायब हो गईं.

नोएडा | Updated On: 6 Jun, 2025 | 04:50 PM

‘मैंगो मैन’ के नाम से मशहूर कलीमुल्लाह खान ने आम की एक नई किस्म तैयार की है, जिसका नाम उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम पर ‘राजनाथ आम’ रखा है. उन्होंने यह खास आम मलिहाबाद स्थित अपने बाग में ग्राफ्टिंग तकनीक से उगाया है. कलीमुल्लाह खान इससे पहले भी सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय, अखिलेश यादव, सोनिया गांधी, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जैसे कई मशहूर लोगों के नाम पर आम की किस्में रख चुके हैं. उन्हें बागवानी और फल की नई किस्में विकसित करने में योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान भी मिल चुका है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों के नाम पर आम का नाम रखता हूं, जिन्होंने देश के लिए अच्छा काम किया है. मेरा मकसद है कि ये नाम आने वाली पीढ़ियों तक जिंदा रहें. उन्होंने आगे कहा कि अगर ‘राजनाथ आम’ लोगों को राजनाथ सिंह के अच्छे कामों की याद दिलाए तो ये बहुत बड़ी बात होगी.

राजस्थान सिंह हैं समझदार नेता

उन्होंने राजनाथ सिंह को एक संतुलित और सोच-समझकर बोलने वाला नेता बताया. पाकिस्तान को लेकर हुई हालिया चर्चा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह शांति के पक्षधर हैं, न कि युद्ध के. कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई) पर कलीमुल्लाह खान ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वही पहले हमला करता है.

1919 में यहां 1,300 से ज्यादा आम की किस्में थीं

दुनियाभर में आमों के लिए मशहूर लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र की बात करते हुए उन्होंने कहा कि साल 1919 में यहां 1,300 से ज्यादा आम की किस्में थीं, लेकिन वक्त के साथ कई गायब हो गईं. उन्होंने कहा कि मैं उन्हें बचाने और फिर से विकसित करने का प्रयास कर रहा हूं. अब तक मैं 300 से ज्यादा किस्में तैयार कर चुका हूं.

7वीं कक्षा तक की पढ़ाई

कलीमुल्लाह खान ने बचपन में ही आम की किस्में मिलाने (क्रॉस-ब्रीडिंग) पर काम शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा कि तब वो सिर्फ 7वीं कक्षा तक पढ़े थे. उन्होंने कहा कि मुझे कभी पढ़ाई में मन नहीं लगा. मैं अपने शिक्षक और दोस्तों की इज्जत करता था, लेकिन कक्षा 4, 5, 6 और 7 में लगातार फेल होता रहा. मेरा मन हमेशा बाग में ही लगता था. 1945 में जन्मे कलीमुल्लाह खान ने कहा कि भले ही अब उम्र 80 के पार है. एक हार्ट सर्जरी और कुछ बीमारियां हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी वो खुद को फिट महसूस करते हैं.

Published: 6 Jun, 2025 | 04:44 PM