पंजाब में बाढ़ की विभीषिका ने जिंदगी बेहाल कर दी है. एक तरह की जल प्रलय बन चुकी बाढ़ की चपेट में इंसान ही नहीं पशु भी हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2 सितंबर तक 12 जिलों के 1 हजार से ज्यादा गांव जलमग्न हैं. 29 लोगों की मौत हो चुकी है और कई सौ मवेशी बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं और कई की मौत हो चुकी है. वहीं, राज्य में 6 लाख हेक्टेयर से अधिक में खड़ी धान समेत अन्य फसलें पानी की भेंट चढ़ गई हैं. हरियाणा के किसान पंजाब के किसानों के लिए राहत सामग्री और आर्थिक मदद भेज रहे हैं. जबकि, केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां के साथ सेना के जवान भी आधुनिक उपकरणों के साथ बचाव-राहत कार्य में जुटे हैं.
12 जिलों में नदियों ने दिखाई सबसे ज्यादा तबाही
पहाड़ों में लगातार बीते कई दिनों से हो रही बारिश के चलते पंजाब से गुजरने वाली नदियों सतलुज, रावी, ब्यास और घग्गर का जलस्तर क्षमता को पार गया है और पानी ने अपने फैलाव में गांवों को चपेट में ले लिया है. प्राकृतिक आपदा से गुरदासपुर, अमृतसर, कपूरथला समेत कुल 12 जिले प्रभावित हुए हैं और 1000 से ज्यादा गांवों में पानी भरा हुआ है. सड़कें डूब चुकी हैं.
29 लोगों की मौत, 15 हजार को रेस्क्यू किया गया
राज्य सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार बाढ़ के चलते अब तक राज्य में 29 लोगों की मौत हो चुकी है और 15,688 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. वहीं, कई दर्जन घर पानी में ढह गए हैं और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात कर हालात की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. वहीं, सीएम भगवंत मान ने सभी जिलाधिकारियों को राहत बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं और नुकसान के आकलन के बाद मुआवजा राशि जारी करने का आश्वासन दिया है. वहीं, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया आज फिरोजपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.
6 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें चौपट
पंजाब में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. धान, मक्का, कपास, गन्ना समेत अन्य खरीफ फसलें पानी में डूब गई हैं और चौपट हो गई हैं. 6 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें पानी में डूबकर चौपट हो गई हैं. खरीफ फसलें पककर कटने को तैयार थीं, ऐसे में किसानों को गहरी आर्थिक चोट पहुंची है. किसानों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है क्योंकि नदियों के नजदीक वाले गांवों में बाढ़ और तेज बहाव में मवेशी बह गए हैं जबकि कई की डूबकर मौत हो गई है.