Cotton Buying: तेलंगाना के कपास किसानों के लिए खुशखबरी है. लंबे समय से जो कपास की खरीद को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी, अब उसे खत्म कर दिया गया है. राज्य के गिनिंग मिल्स और कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) ने सभी लंबित मुद्दों को सुलझाया है और अगले 10 दिनों में कपास की खरीदी शुरू करने का फैसला लिया है. इससे राज्य के लाखों किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलने की उम्मीद बढ़ गई है और किसानों में उत्साह का माहौल बन गया है.
मंत्री ने की बैठक और सभी पक्षों को दिया निर्देश
तेलंगाना के कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वरा राव ने सोमवार को गिनिंग मिल्स, CCI और मार्केटिंग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने सभी पक्षों से कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए खरीद प्रक्रिया बिना किसी रुकावट और जल्द से जल्द शुरू की जाए. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि CCI हर हफ्ते खरीद प्रक्रिया की निगरानी करे और अगर कोई समस्या या बाधा सामने आए तो तुरंत उसका समाधान करें. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलना चाहिए और किसी भी तरह की देरी या व्यवधान स्वीकार्य नहीं है.
गिनिंग मिल्स की चिंताओं पर चर्चा
बैठक में गिनिंग मिल्स ने कुछ नियमों और शर्तों पर आपत्ति जताई, जिन्हें उन्होंने अपने लिए नुकसानदायक बताया. मंत्री ने साफ किया कि सरकार किसानों के हित को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने CCI अधिकारियों से कहा कि खरीद प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए और किसानों के हित को प्राथमिकता दी जाए. मंत्री ने यह भी कहा कि अगर कहीं प्रक्रिया में कोई बाधा आती है तो उसे तुरंत हटाया जाए और हर कदम में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए.
किसानों के लिए मोबाइल ऐप से सुविधा
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को CCI का नया मोबाइल ऐप ‘कपास किसान’ के बारे में पूरी जानकारी दें. इस ऐप की मदद से किसान अपनी फसल बेचने के लिए बुकिंग स्लॉट आसानी से ले सकते हैं और लंबी कतारों में खड़े होने या बिचौलियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐप के माध्यम से किसान सीधे अपनी फसल बेच सकते हैं और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
किसानों के लिए राहत और संभावनाएं
इस निर्णय से तेलंगाना के कपास किसानों को जल्द ही सही मूल्य और आसान खरीदी प्रक्रिया का फायदा मिलेगा. किसानों का कहना है कि लंबे समय से प्रक्रिया में देरी और अनिश्चितता उनके लिए चिंता का कारण थी. अब खरीदी की तारीख तय होने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे अपनी अगली फसल की बेहतर योजना बना पाएंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सभी पक्ष समय पर काम करें और ऐप का उपयोग बढ़े, तो यह कदम किसानों के लिए साफ-सुथरी, पारदर्शी और आसान बिक्री प्रक्रिया साबित होगा.