Agricultural Business: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने के बावजूद कृषि निर्यात में बढ़ोतरी हुई है. देश के कृषि निर्यात की बढ़त कुल वस्तु निर्यात की तुलना में तेज है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2025 में भारत के कृषि उत्पादों का निर्यात 25.9 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी अवधि के 23.8 अरब डॉलर की तुलना में 8.8 फीसदी बढ़ा. यह बढ़ोतरी कुल वस्तु निर्यात के 2.9 फीसदी वृद्धि (213.7 अरब डॉलर से 219.9 अरब डॉलर) से कहीं अधिक है. वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) में भी भारत के कृषि निर्यात में 6.4 फीसदी वृद्धि हुई (48.8 अरब डॉलर से 52 अरब डॉलर), जबकि सभी वस्तुओं के निर्यात में सिर्फ 0.1 फीसदी बढ़ोतरी हुई, जो (437.1 अरब डॉलर से 437.7 अरब डॉलर) है. खास बात यह है कि इस वित्तीय वर्ष में निर्यात वृद्धि में नॉन-बासमती चावल, भैंस का मांस, समुद्री उत्पाद, कॉफी और फल-सब्जियां मुख्य योगदान दे रही हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉन-बासमती चावल के निर्यात में तेजी का कारण 2022-23 में लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों को हटाया जाना है. पहले टूटे हुए और सफेद नॉन-बासमती चावल पर पूरी तरह से प्रतिबंध था और पारबॉयल्ड चावल पर 20 फीसदी शुल्क था. अब ये प्रतिबंध धीरे-धीरे हटा दिए गए हैं. साथ ही 2024 की लगातार अच्छी मॉनसून और सरकारी गोदामों में भरे स्टॉक के कारण निर्यात बढ़ रहा है. इस तरह नॉन-बासमती चावल का निर्यात पिछले वित्तीय वर्ष के 6.5 अरब डॉलर के रिकॉर्ड को पार कर सकता है.
भैंस मांस के निर्यात में बढ़ोतरी
भैंस के मांस का निर्यात भी अगर मौजूदा दर से बढ़ता रहा तो 2014-15 के 4.8 अरब डॉलर के रिकॉर्ड को पार कर सकता है. समुद्री उत्पादों का निर्यात भी इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में 17.4 फीसदी बढ़ गया है और यह 2022-23 के 8.1 अरब डॉलर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ सकता है. अमेरिका ने 2024-25 में भारत के समुद्री उत्पादों के कुल 7.4 अरब डॉलर निर्यात में 2.7 अरब डॉलर यानी 36.2 फीसदी हिस्सा लिया. हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने 58 फीसदी से अधिक का टैरिफ लगाया था, फिर भी अप्रैल-सितंबर 2025 में भारतीय समुद्री उत्पादों का निर्यात बढ़कर 4 अरब डॉलर हो गया, जबकि अमेरिका को निर्यात में थोड़ी गिरावट (1.3 अरबडॉलर , 0.4 फीसदी) आई. इसके लिए भारत के निर्यातक चीन, वियतनाम, जापान, थाईलैंड, यूरोपीय संघ और कनाडा जैसे अन्य बाजारों में निर्यात बढ़ा रहे हैं.
कॉफी निर्यात 1.8 अरब डॉलर
कॉफी निर्यात 2019-20 के 738.9 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 1.8 अरब डॉलर हो गया और इस वित्तीय वर्ष में 2 अरब डॉलर पार करने की संभावना है. बढ़ोतरी मुख्य रूप से निर्यात मात्रा से नहीं बल्कि वैश्विक स्टॉक्स घटने और कीमतों बढ़ने के कारण हुई है. फल और सब्जियों का निर्यात भी लगातार बढ़ रहा है. ताजा फल-सब्जियों का निर्यात 1.4 अरब डॉलर से 2.1 अरब डॉलर और प्रोसेस्ड फलों-सब्जियों का 958.5 मिलियन डॉलर से 1.8 अरब डॉलर हो गया है. यह प्रवृत्ति इस वित्तीय वर्ष में भी जारी है.