नेपाल में गहरा सकता है खाद्य संकट? भारत के चावल-सब्जी पर निर्भर है बड़ी आबादी

अशांति से गुजर रहे नेपाल में खाद्य वस्तुओं की कमी होने का संकट गहराने की आशंका है. क्योंकि, मौजूदा सत्ता के बैकफुट पर आने से देश में आपूर्ति श्रंखला बुरी तरह प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है.

नोएडा | Updated On: 10 Sep, 2025 | 02:48 PM

Nepal Food Supply News: पड़ोसी देश नेपाल में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच वहां खाद्य संकट गहराने का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि, अगले कुछ दिन भी हालात ऐसे बने रहे तो भारत से जाने वाले कृषि उत्पादों की आपूर्ति प्रभावित होगी, जिसके नतीजे में वहां चावल, सब्जी, दालों समेत अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भयंकर महंगाई देखी जा सकती है. नेपाल भारत से आलू, गाजर, टमाटर, प्याज, खाद्य तेल समेत कई अन्य वस्तुओं की खरीद करता है और वहां की बड़ी आबादी भारतीय उत्पादों पर निर्भर है. भारत सालाना 17 लाख मीट्रिक टन से अधिक कृषि उत्पाद नेपाल को निर्यात करता है.

नेपाल में सोशल मीडिया बैन होने के बाद से भड़की हिंसा ने भयानक रूप ले लिया है. 19 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व और मौजूदा मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के साथ मारपीट की है. जबकि, संसद में आग लगा दी है. हिंसा के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली समेत कुछ अन्य सत्ताधारी नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब हालात सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन, युवा भड़के हुए हैं और देश की राजधानी काठमांडू समेत देश के कुछ दूसरे हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन की लपटें पहुंच रही हैं.

व्यापार विशेषज्ञों ने खाद संकट की चेतावनी दी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिंसा के चलते कुछ जगहों पर बाजार बंद हो गए हैं और लोग अपने घरों में ठिठक गए हैं. कुछ जगहों पर लूटपाट के मामले भी सामने आने की बात कही गई है. वहीं, प्रदर्शन और हिंसा के चलते खाद्य आपूर्ति श्रंखला बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसके चलते अगर स्थिति जल्दी सामान्य नहीं होती है तो लोगों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है. व्यापार विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि देश में लंबे समय तक अस्थिरता रहने से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है और निर्यात प्रभावित हो सकता है. यह स्थिति नेपाल के आम लोगों के लिए खाद्य संकट का कारण बन सकती है.

आपूर्ति बरकरार रखने के लिए भारत की कड़ी नजर

नेपाल मामले पर भारत सरकार सतर्क और वेट एंड वॉच की स्थिति में है. एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि फिलहाल नेपाल के साथ व्यापार को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है. हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और किसी भी संभावित जोखिम का आकलन करने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ संपर्क में हैं. कहा गया है कि बिना किसी व्यवधान के माल की आवाजाही बनाए रखना न केवल भारतीय निर्यातकों के लिए बल्कि नेपाली उपभोक्ताओं के लिए भी जरूरी है. इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

भारत से नेपाल जाती हैं ये खाद्य वस्तुएं

भारत और नेपाल के बीच मजबूत व्यापारिक रिश्ते हैं और दोनों देश एक दूसरे से वस्तुओं की लेनदेन करते हैं. नेपाल भारत से बासमती चावल, दालें, आलू, गाजर, टमाटर, प्याज समेत अन्य सब्जियों और खाद्य तेलों का आयात करता है. इसके अलावा लोहा, स्टील, दवाएं, वाहन, मशीनरी, इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट आदि भी नेपाल भारत से खरीदता है. भारत सालाना नेपाल को 7 अरब डॉलर मूल्य से अधिक की वस्तुएं निर्यात करता है. जबकि, नेपाल से 1 अरब डॉलर मूल्य से अधिक की वस्तुएं खरीदता है.

नेपाल भारत से खरीदता है 17 लाख मीट्रिक टन खाने-पीने की वस्तुएं

भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात को रेगुलेट करने वाली केंद्रीय संस्था कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के अनुसार नेपाल ने भारत से वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 17 लाख मीट्रिक टन कृषि खाद्य उत्पाद खरीदे हैं. इन कृषि उत्पादों का मूल्य 5,693 करोड़ रुपये रहा. इन उत्पादों में सब्जियां, गैर बासमती चावल, ताजी सब्जियां और अन्य अनाज शामिल हैं. वहीं, पिछले वित्तीय वर्ष में नेपाल ने भारत से 5 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल खरीदा था. वहीं, 2023 में बासमती और गैर बासमती चावल को मिलाकर नेपाल ने 8 लाख मीट्रिक टन खरीद की थी.

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जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को लेकर चिंता बढ़ी

एक्सपर्ट का मानना है कि ट्रांसपोर्ट रूट, सीमा शुल्क या सीमा पार रसद में किसी भी तरह की बाधा से माल ले जाने वाले शिपमेंट में देरी हो सकती है, जिसका असर इन वस्तुओं पर निर्भर नेपाली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. क्योंकि पहले भी इस तरह की अशांति के दौरान भारत से नेपाल जाने वाले रूट रक्सौल-बीरगंज और सुनौली-भैरहवा रूट पर रुकावटें आई हैं, जिससे प्रमुख वस्तुओं की समय पर निर्यात प्रभावित हुआ है. एक्सपर्ट जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं, सब्जियों, फलों दवाइयों और इंडस्ट्री इनपुट को लेकर चिंतित हैं.

Published: 10 Sep, 2025 | 02:15 PM