Odisha News: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन सहित कई योजनाएं चला रही है. इससे किसानों को सीधा फायदा पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि ओडिशा के किसान मेहनती हैं और यहां की जलवायु दलहन उत्पादन के लिए बहुत उपयुक्त है. केंद्र सरकार दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, बेहतर प्रशिक्षण और दाल मिलें लगाने के लिए 25-25 लाख रुपये की मदद देगी. उन्होंने कहा कि मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार उड़द, अरहर और मसूर की पूरी खरीदी करेगी.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र की योजनाएं राज्य सरकारों के सहयोग से किसानों की जिंदगी बदलने में अहम भूमिका निभा सकती हैं. उन्होंने कहा कि अगर कृषि मंत्री सिर्फ दिल्ली में बैठकर काम करे तो किसानों का असली भला नहीं होगा. खेतों में जाकर किसानों से मिलना, उनकी बात सुनना और समाधान खोजना ही सही तरीका है. उन्होंने बताया कि ओडिशा में कई प्राकृतिक खेती करने वाले किसान हैं जो सब्जियों की बेहतरीन खेती कर रहे हैं.
किसानों की कमाई बढ़ेगी और खेती अधिक टिकाऊ बनेगी
कृषि मंत्री ने कहा कि खेती को जहरीले रसायनों से मुक्त करना जरूरी है और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा, ताकि लोगों का स्वास्थ्य और धरती दोनों सुरक्षित रहें. उन्होंने बताया कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना उन जिलों के लिए है जहां उत्पादन कम है, ताकि वहां के किसानों को सीधा लाभ मिल सके. उन्होंने किसानों से इंटीग्रेटेड फार्मिंग (समेकित खेती) अपनाने की अपील की. यानी खेती के साथ पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन जैसे कार्य भी करें, जिससे उनकी आय बढ़ सके. उन्होंने कहा कि फसलों का विविधीकरण जरूरी है, क्योंकि इससे किसानों की कमाई बढ़ेगी और खेती अधिक टिकाऊ बनेगी.
पीएम किसान योजना से किसानों को फायदा
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र और राज्य मिलकर किसानों को कुल 10 हजार रुपये सालाना दे रहे हैं, जिससे किसानों को काफी मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य है कि देश की बहनें आत्मनिर्भर और संपन्न बनें. स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अपनी आय बढ़ा रही हैं. आज दो करोड़ ‘दीदियां’ लखपति बन चुकी हैं, जल्द ही यह संख्या तीन करोड़ और फिर दस करोड़ तक पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि हम गरीबी मुक्त भारत बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री ने आईसीएआर के भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (CRRI), कटक में हुई संयुक्त रणनीति बैठक में ये बातें कहीं.