Odisha Paddy Purchase News: ओडिशा के बरगढ़ जिले में सैकड़ों किसानों ने धान खरीद में भाग लेने के लिए नाम दर्ज कराने की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस कर्मियों के साथ झड़प हो गई. किसानों ने बताया कि सोमवार को होने वाली जिला स्तरीय धान खरीद समिति (डीएलपीसी) की बैठक स्थगित होने के बाद उनमें आक्रोश बढ़ गया. ओडिशा सरकार सबसे ज्यादा धान की कीमत किसानों को दे रही है. राज्य के किसानों को एमएसपी के अलावा 800 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है. ऐसे में सभी किसान अपनी उपज की बिक्री करना चाहते हैं. लेकिन, मंडी समितियों और प्रशासनिक स्तर पर गड़बड़ियों के चलते टकराव देखा जा रहा है. किसानों ने कहा कि कुछ अधिकारी किसानों को एमएसपी के साथ बोनस का फायदा नहीं देना चाहते हैं.
धान बिक्री के लिए नाम दर्ज कराने से पहले बैठक स्थगित होने पर भड़के किसान
बरगढ़ में धान की सरकारी खरीद को लेकर जिला स्तरीय धान खरीद समिति (डीएलपीसी) की बैठक स्थगित होने के चलते किसान आक्रोशित हो गए. किसानों ने कहा कि समिति के जरिए वह अपने नाम उपज बिक्री के लिए दर्ज कराना चाहते थे. लेकिन, किसानों के मुद्दे पर चर्चा न हो इसलिए पहले ही बैठक स्थगित कर दी गई. नाराज किसान कलेक्ट्रेट में विरोध दर्ज कराने पहुंचे तो वहां पुलिस ने उन्हें रोका तो किसानों की झड़प हो गई. पीटीआई के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि जब किसान जिला कलेक्टर कार्यालय की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, तो पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद हाथापाई हो गई.
4500 किसानों का पंजीकरण नहीं हो सका
बरगढ़ विधायक अश्विनी कुमार सारंगी ने दावा किया कि जिले के 4,500 से ज्यादा किसान धान खरीद प्रक्रिया से बाहर रह गए हैं, क्योंकि वे विभिन्न कारणों से अपना पंजीकरण नहीं करा पाए. उन्होंने कहा कि यह किसानों की जायज मांग है कि उनके नाम भी बिक्री के लिए दर्ज कराए जाएं. मैंने सरकार से अनुरोध किया है कि छूटे हुए किसानों को भी इसमें शामिल किया जाए.
- पीएम फसल बीमा योजना में बड़ा घोटाला, जालसाजों ने 5 करोड़ रुपये हड़पे.. 26 पर एक्शन और एक सस्पेंड
- प्रदूषण से 2022 में 17 लाख भारतीयों की मौत, पराली बनी वजह या कोई और है कारण, यहां जानिए
- आठवें वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी सैलरी? वेतन दोगुना होगा या भत्ते बढ़ेंगे.. जानिए पूरा गणित
- 60 फीसदी छोटे किसानों तक नहीं पहुंच पा रही वित्तीय मदद, पैसा हासिल करना बन रहा चुनौती
किसानों के नाम विभाग को भेजने का आश्वासन
जिला कलेक्टर आदित्य गोयल ने बताया कि उपचुनाव के लिए पड़ोसी नुआपाड़ा में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के कारण डीएलपीसी की बैठक स्थगित कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जहां तक किसानों के पंजीकरण का सवाल है, हमने इस पर निर्णय लेने के लिए सरकारी विभाग को उनका विवरण भेज दिया है. बारगढ़ ओडिशा के उन जिलों में से एक है जहां हर साल खरीफ सीजन की धान खरीद समय से पहले शुरू हो जाती है.
देश में धान का सबसे ज्यादा भाव दे रही ओडिशा सरकार
ओडिशा सरकार ने 2025- 26 खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए धान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ बोनस देने की घोषणा कर रखी है. बता दें कि सामान्य ग्रेड (Common) धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2369 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. जबकि, ए ग्रेड धान के लिए 2389 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया गया है. ओडिशा सरकार ने धान किसानों को 800 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे रही है. इसके बाद राज्य के किसानों को सामान्य धान के लिए 3,169 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ‘A’ धान का मूल्य 3,189 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है. इस तरह ओडिशा सरकार धान के लिए किसानों को सबसे ज्यादा भाव दे रही है. किसानों को अधिकृत मंडियों में अपनी उपज बिक्री करने के लिए कहा गया है.