Madhya Pradesh Soybean News: सोयाबीन किसानों को कम दाम पर उपज बिक्री की स्थिति में राज्य सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए भावांतर योजना लागू की है. भावांतर योजना के तहत सोयाबीन का मॉडल रेट भी मध्य प्रदेश सरकार ने तय कर दिया है. लेकिन, 3 दिन में 3 बार सोयाबीन के मॉडल रेट में बदलाव हुआ है. इसी मॉडल रेट के अनुसार किसानों को भावांतर के हिसाब से राशि का भुगतान किया जाना है.
लगातार बदल रहा सोयाबीन का मॉडल रेट
मध्य प्रदेश के सरकार भावांतर योजना 2025 के तहत सोयाबीन का मॉडल रेट 7 नवंबर को तय कर दिया. लेकिन, हर दिन मॉडल रेट में बदलाव देखा जा रहा है.पहले दिन सोयाबीन का मॉडल रेट 7 नवंबर को 4020 रुपए प्रति क्विंटल जारी किया गया था. इसके बाद 8 नवंबर को 4033 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी हुआ था. 9 नवंबर को विक्रेता किसानों के लिए 09 नवंबर को 4036 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया.
मॉडल रेट से ही भावांतर राशि भुगतान की गणना होगी
शुरुआती तीन दिनों में सोयाबीन के मॉडल रेट में बदलाव देखा गया है. हालांकि, यह बदलाव बढ़त के रूप में रहा है. अगर मॉडल रेट नीचे जाएगा तो किसानों को नुकसान होगा. क्योंकि, मॉडल रेट के हिसाब से ही किसानों को भावांतर राशि भुगतान का आकलन किया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि यह मॉडल रेट उन किसानों के लिए है जिन्होंने सोयाबीन की अपनी उपज मंडी में बिक्री की है. इस मॉडल रेट के आधार पर ही भावांतर की राशि की गणना की जाएगी.
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सोयाबीन भावांतर योजना
एमएसपी से कम तय हुआ है मॉडल रेट
मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भावांतर योजना के तहत सोयाबीन का मॉडल रेट तय करते हुए घोषणा की कि 13 नवंबर से किसानों के खाते में राशि वितरित की जाएगी. बता दें कि मध्य प्रदेश में 24 अक्तूबर से सोयाबीन की सरकारी खरीद चल रही है. केंद्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. लेकिन कई मंडियों में एमएसपी से कम भाव किसानों को मिला है, जिसके चलते अब राज्य सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई करेगी.
4 लाख किसानों के खाते में पहुंचेगी राशि
मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार अब किसानों को फसल का पूरा और उचित दाम मिलेगा. भावांतर योजना के तहत अब तक 1,44,180 किसानों ने 24 लाख क्विंटल से अधिक सोयाबीन की बिक्री की है. वहीं, मध्य प्रदेश के 9,36,352 किसानों ने भावांतर योजना का लाभ पाने के लिए पंजीकरण कराया है. मॉडल रेट और एमएसपी के बीच में राशि का जो अंतर रहेगा वह 13 नवंबर से इन किसानों के बैंक खातों में भेजा जाएगा.