Uttar Pradesh News: शहरों की चका-चौंध और भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान सुकून के दो पल बिताने के लिए गांवों की तरफ अपना रुख करने लगे हैं. दो दिन की शांति के लिए लोग गांव में नेचर के बीच कुछ समय गुजारना चाहते हैं. ग्रामीण जीवन की शांति और सादगी उन्हें अपनी ओर खींचती है. शहरी लोगों के बीच बढ़ते इस ट्रेंड के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने एक खास पहल की है. सरकार ने फार्म स्टे होम को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत कोई भी निवेश कर खेतों में या उसके आसपास फार्मस्टे बना सकता है. इससे न केवल लोगों को ग्रामीम जीवन का अनुभव करने को मिलेगा बल्कि प्रदेश के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. खास बात ये है कि सरकार की तरफ से निवेशकों को अलग-अलग दरों के अनुसार सब्सिडी भी दी जाएगी.
क्या होता है फार्मस्टे
फार्मस्टे शहरी लोगो या पर्यटकों के लिए बनाया जाने वाला ऐसा घर है जिसे खेत या खेत के आसपास बनाया जाएगा. सरकार की योजना के तहत ये फार्मस्टे मालिक के घर से अलग बनाया जाएगा, जिसमें कम से कम दो कमरे और एक रिसेप्शन एरिया होना जरूरी होगा. फार्मस्टे को बनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को खेती, ग्रामीण जीवनशैली और स्थानीय संस्कृति का वास्तविक अनुभव देना है, ताकि वे प्रदेश की सभ्यता और संस्कृति से परिचित हो सकें. उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार, हर फार्मस्टे में कृषि, बागवानी, डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन जैसी गतिविधियां अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे न केवल पर्यटकों को गांव का अनुभव मिलेगा बल्कि ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा.
निवेश के अनुसार मिलेगी सब्सिडी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत निवेश के मुताबिक ही सब्सिडी दी जाएगी. जैसे-
- 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 25 फीसदी सब्सिडी या फिर अधिकतम 2 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
- 50 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 20 फीसदी सब्सिडी या फिर अधिकतम 7.5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
- 200 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 15 फीसदी सब्सिडी या फिर अधिकतम 20 करोड़ दिए जाएंगे
- अंत में 500 करोड़ रुपये के निवेश पर सरकार की तरफ से 10 फीसदी सब्सिडी यानी अधिकतम 40 करोड़ रुपये दिए जाएंग.
इन लोगों को मिलेगा फायदा
जो भी उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना का हिस्सा बनने के इच्छुक हैं, उनके लिए ध्यान देने वाली बात है कि ऐसे निवेशक जो महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग से आएंगे, उन्हें ज्यादा छूट दी जाएगी. इस तरह ग्रामीण स्तर पर भी रोजगार के नए अवसर खुलेंगे.