Paddy Procurement: पंजाब सरकार ने इस साल धान की सरकारी खरीद दो हफ्ते पहले शुरू करने का फैसला किया था. पहले धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होती थी, लेकिन इस बार 16 सितंबर से शुरू करने का फैसला लिया गया है. हालांकि, बारिश और बाढ़ (Rain And Flood) के चलते यह योजना मुश्किल में पड़ गई है, क्योंकि कई इलाकों में फसल की कटाई में देरी हो रही है. खास बात यह है कि राज्य सरकार ने हाल ही में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और 1,872 मंडियों को खोलने की अनुमति दी गई थी, ताकि जल्दी खरीद की प्रक्रिया शुरू की जा सके. लेकिन फूड और सिविल सप्लाई विभाग के अधिकारियों ने चिंता जताई है कि जमीनी स्तर पर हालात अनुकूल नहीं हैं, जिससे समय पर खरीद शुरू करना कई जगहों पर संभव नहीं दिख रहा.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जून में यह घोषणा की थी कि इस बार अधिकतर किसानों ने कम अवधि वाली धान की किस्में लगाई हैं, इसलिए खरीद पहले शुरू की जाएगी. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. लगातार बारिश ने जल्दी पकने वाली फसलें भी प्रभावित कर दी हैं. एक वरिष्ठ खाद्य विभाग अधिकारी ने कहा कि अब हमें ताजा धान मंडियों में आने की उम्मीद अक्टूबर के मध्य तक ही है. अधिकतर इलाकों में कटाई 2 से 3 हफ्ते पीछे खिसक गई है.
16 सितंबर से शुरू होगी धान की खरीद
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के बाढ़ प्रभावित जिले कपूरथला, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का से भारी कृषि नुकसान की खबरें सामने आई हैं. अधिकारियों का कहना है कि इन क्षेत्रों में खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है और फसल तैयार नहीं हुई है. इसलिए यहां 16 सितंबर तक मंडियां शुरू होना संभव नहीं लग रहा.
6.81 लाख हेक्टेयर में बासमती की खेती
ऐसे इस बार पंजाब में कुल 32.5 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई है, जिसमें से 6.81 लाख हेक्टेयर में प्रीमियम बासमती चावल की खेती की गई है. बासमती की खेती मुख्य रूप से माझा और दोआबा क्षेत्रों में होती है और ये दोनों क्षेत्र बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि डूबे हुए खेतों में कितनी मात्रा में ऐसी धान की किस्में बोई गई थीं, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत खरीदी जा सकती हैं.
फसलों को पहुंचा नुकसान
बता दें कि पंजाब धान का बहुत बड़ा उत्पादक राज्य है. इसका देश के खाद्यान में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. अगर बारिश से फसल को नुकसान पहुंचता है, तो खाद्यान पर भी असर पड़ सकता है. क्योंकि इस बार बाढ़ की वजह से कई जिलों में धान सहित कई फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.