Punjab Agriculture News: पंजाब के अंबाला जिले में धान की कटाई अपने अंतिम चरण में है, लेकिन कई किसानों को इस बार साउदर्न राइस ब्लैक स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस की वजह से भारी नुकसान झेलना पड़ा है. कृषि विभाग के अनुसार, जिले में करीब 4,000 एकड़ धान की फसल इस वायरस से प्रभावित हुई है. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि यह वायरस सफेद पीठ वाले पौधा-मक्खी (व्हाइट-बैक्ड प्लांट हॉपर) के जरिए फैलता है. इससे पौधों की बढ़त रुक जाती है, पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो जाता है और दाने अधूरे रह जाते हैं, जिससे पैदावार घट जाती है. ऐसे में किसान संगठनों ने सरकार से प्रति एकड़ 15,000 रुपये मुआवजा देने की मांग की है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मझरी गांव के किसान गुरमीत सिंह ने कहा कि मेरी फसल को भी वायरस से काफी नुकसान हुआ है. मैंने सरकार के ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावा दायर किया था, लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिला. किसान मुश्किल हालात में हैं, सरकार को जल्द राहत देनी चाहिए. किसान यूनियनों ने भी सरकार से अपील की है कि मुआवजा देने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके.
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तुरंत मुआवजा जारी करने के निर्देश
हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के सदस्य और भाकियू (पिहोवा) के प्रवक्ता प्रिंस वरैच ने कहा कि किसानों को इस साल भारी नुकसान हुआ है. सरकार को समझना चाहिए कि किसानों को सिर्फ इस फसल के खर्च के लिए नहीं, बल्कि अगली बुवाई की तैयारी के लिए भी पैसों की जरूरत है. यह मुद्दा चंडीगढ़ में हुई बैठक में उठाया गया था और संबंधित विभागों को तुरंत मुआवजा जारी करने के निर्देश दिए जाने चाहिए.
किसान कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे
भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के प्रवक्ता तेजवीर सिंह ने कहा कि यूनियनों ने अपनी मांग को लेकर पहले ही ज्ञापन सौंप दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसान लगातार वायरस से हुए नुकसान का मुआवजा मांग रहे हैं, लेकिन अब तक कोई भुगतान नहीं हुआ है. हम अंबाला में ज्ञापन दे चुके हैं और जल्द ही कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और अन्य जिलों में भी देंगे. अगर सरकार ने और देर की, तो किसान कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे.
क्या कहते हैं किसान
कृषि उपनिदेशक (अंबाला) डॉ. जसविंदर सैनी ने कहा कि लगभग 4,000 एकड़ धान की फसल खासकर साहा, बराड़ा, मुल्लाना और अंबाला-2 इलाकों में ड्वार्फ वायरस से प्रभावित हुई है. वायरस के अलावा, पानी भराव और बेमौसम बारिश ने भी इस साल पैदावार पर असर डाला है. जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा कराया हुआ है, उन्हें बीमा कंपनियों के जरिए मुआवजा मिलेगा, जबकि बिना बीमा वाले किसानों के लिए सरकार जल्द फैसला लेगी. उन्होंने यह भी बताया कि जिले में लगभग 95 फीसदी धान की कटाई पूरी हो चुकी है.