राजस्थान के बाड़मेर जिले की महिला किसान पोचू देवी किचन गार्डन से खेती की शुरुआत कर ऑर्गेनिक तरीके से मिर्च, भिंडी, नींबू और करी पत्ता उगाकर बिक्री कर रही हैं. महिला किसान ने कहा कि वह हर महीने 30 हजार रुपये तक की आमदनी हासिल कर पा रही हैं. उन्होंने कहा कि वेदांता लिमिटेड की ओर से किसानों के लिए किए जा रहे प्रयासों और ट्रेनिंग का हिस्सा बनकर उन्हें सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि कंपनी राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में किसानों और ग्रामीणों को खेती के साथ उद्यम शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही है, जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं.
वेदांता ने 50 हजार किसानों को सशक्त बनाया
किसान दिवस के मौके पर वेदांता लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि वह किसानों को सिर्फ रोजी-रोटी तक सीमित रखने के बजाए सशक्त उद्यमी बनाकर भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहा है. संस्थाओं के निर्माण, जलवायु के अनुकूल खेती एवं आजीविका के अलग-अलग तरीकों पर ध्यान देते हुए वेदांता ग्रामीण समुदायों को स्थायी आय कमाने और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए समर्थन प्रदान कर रही है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में वेदांता ने तकरीबन 50,000 किसानों को सशक्त किया है तथा डेयरी एवं अन्य गतिविधियों के ज़रिए ग्रामीणों को 14 करोड़ की आय मिली है.
किसानों की कमाई 10 फीसदी बढ़ी और उत्पादन में 25 फीसदी उछाल
वेदांता कंपनी किसानों के रोजगार शुरू करने में निवेश करती है और कंपनी किसानों को खेती के पुराने तरीकों के बजाए सामुहिक, मार्केट लिंक्ड एवं भविष्य के अनुकूल ग्रामीण उद्यमों के निर्माण में मदद कर रही है. वेदांता का मूल दृष्टिकोण है किसान-स्वामित्व के संस्थानों का निर्माण करना और इन्हें सशक्त बनाना. कंपनी ने 7 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन में योगदान दिया है. ये संस्थान किसानों को डेयरी संचालन, पशुचारे, मिनरल मिक्सचर युनिट, बायोमास युनिट एवं खेती से जुड़े वैल्यू-एडेड उद्यमों के प्रबन्धन में मदद करते हैं. इसके कारण किसानों की आय में औसतन 10 फीसदी और उत्पादकता में 25 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. इससे वे अपने कारोबार से जुड़े जरूरी फैसले आसानी से ले पाते हैं.
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200 गांवों को सहयोग देकर 80 लाख की आमदनी
किसानों को डेयरी, बागवानी, तेलबीज एवं सबंधित गतिविधियों में विस्तार के लिए सहयोग दिया जाता है. उन्हें बेहतर सिंचाई, खेती के आधुनिक तरीकों और मार्केट के साथ जोड़ने में सक्षम बनाया जाता है. राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने तकरीबन 200 गांवों को सहयोग प्रदान किया है, जहां एफपीओ के जरिए किए गए प्रयासों के कारण ग्रामीणों पिछले तीन सालों में तकरीबन 80 लाख रुपये की आय मिली है. इस तरह शुरूआत के बाद से 40 फीसदी विकास दर्ज किया गया है.
उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के किसान परिवारों की कमाई 50 फीसदी बढ़ी
उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में कई पहलों जैसे वेदांता एलुमिनियम, झरसागुड़ा में प्रोजेक्ट जीविका समृद्धि; बालको में मोर जल मोर माटी ने बेहतर सिंचाई, बेहतर खेती एवं आधुनिक तकनीकों के द्वारा किसानों की आय बढ़ाने में मदद की है. उड़ीसा और झारखण्ड में किसानों को मशरूम की खेती, कम्पोस्टिंग, मधुमक्खी पालन और खेती के वैज्ञानिक तरीकों में प्रशिक्षण प्रदान करता है. इसमें चावल उगाने का एक तरीका एसआरआई भी शामिल है, जिससे चुनिंदा स्थानों पर कम संसाधनों के उपयोग से भी किसानों की उत्पादकता बढ़ी है और किसान परिवारों की आय में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी देखी गई है.
दूध उत्पादन के लिए मरू सागर डेयरी प्रोजेक्ट से जुड़े किसान
पश्चिमी राजस्थान में मरू सागर डेयरी और बाड़मेर उन्नति ने दूध खरीद प्रणाली को सशक्त बनाया है, चरागाहों के विकास में मदद की है, ओर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया है तथा 45 करोड़ लीटर से अधिक जल संरक्षण कर कृषि स्थायित्व में योगदान दिया है. राजस्थान, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में महिलाएं एफपीओ एवं स्वयं-सहायता समूहों का प्रबन्धन करती हैं, कृषि एवं डेयरी कारोबार चलाती हैं, किचन गार्डन के जरिए अपने परिवार के पोषण स्तर में सुधार लाती हैं.
पोचू देवी ऑर्गनिक किचन गार्डेन के जरिए 30 हजार रुपये कमा रहीं
वेदांता की मरू सागर पहल का हिस्सा बनीं बाड़मेर जिले की पोचू देवी ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. वेदांता से प्रशिक्षण पाने के बाद उन्होंने किचन गार्डन शुरू किया. ओर्गेनिक मिर्च उगाकर बिक्री की. इसके बाद ग्वार, भिंडी, नींबू, करी पत्ता आदि उगाकर बिक्री कर रही हैं. इससे न सिर्फ मेरे परिवार को कीटनाशकों से रहित ताजी सब्जियां मिलती हैं बल्कि वह 20-30 हजार रुपए महीने कमा पा रही हैं.