आज के समय में किसान पारंपरिक फसलों की खेती के साथ-साथ मौसमी फसलों की तरफ भी अपना रुझान दिखा रहे हैं. किसानों की यही कोशिश रहती है कि वे ऐसी फसलों की खेती करें जो उन्हें कम समय और कम लागत में अच्छा फायदा दे. सितंबर के महीने की शुरुआत हो चुकी है. ऐसी बहुत सी फसलें हैं जिनकी खेती के लिए ये महीना बेस्ट होता है. इन्हीं फसलों में से एक है लौकी की उन्नत क्वालिटी की किस्म हरूना. लौकी की ये किस्म अपने अच्छे उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता रखने के कारण किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. खास बात ये है कि इसकी खेती से किसान कम समय में ही अच्छा उत्पादन लेकर कमाई कर सकते हैं.
क्या है इस किस्म की खासियत
लौकी की किस्म हरूना अपने अच्छे उत्पादन के लिए किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. यही कारण है कि किसान इस किस्म की खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. लौकी की इस किस्म की खासियत है कि इससे मिलने वाली लौकी लंबी, हरी, चमकदार और पतली होती है. साथ ही इसके एक फल का वजन करीब 800 ग्राम से लेकर 1.5 किलोग्राम तक होता है. खाने में ये लौकी बेहद ही स्वादिष्ट होती है, इसका गूदा नरम और कम बीज वाला होता है. इस किस्म की एक खासियत ये भी है कि कई तरह के रोगों से लड़ने में सक्षम है.
मिट्टी का चुनाव और खेत की तैयारी
किसी भी अन्य फसल की तरह ही लौकी की किस्म हरूना की खेती के लिए भी अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट और उपजाऊ मिट्टी बेस्ट होती है, जिसका pH मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए. इसके बीजों की बुवाई से पहले जरूरी है कि किसान खेत की अच्छे से 2 से 3 बार गहरी जुताई कर लें, ताकि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो सके और खरपतवार नष्ट हो सकें. किसानों को ध्यान रखना होगा कि खेत की तैयारी करते समय मिट्टी में गोबर की खाद या कंपोस्ट जरूर मिलाएं. बता दें कि, लौकी की इस किस्म की खेती के लिए सितंबर का महीना बेस्ट माना जाता है.

लौकी की खेती के लिए खेती की तैयारी है जरूरी (Photo Credit- Canva)
इस विधि से करें बीज बुवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लौकी की किस्म हरूना की खेती के लिए सितंबर से अक्टूबर के महीने तक बुवाई की जा सकती है. क्योंकि इन महीनों में बारिश के बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है. किसानों को ये सलाह दी जाती है कि वे बीज बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक दवा से उपचारित जरूर करें. इसके बीजों की बुवाई से पहले मिट्टी में 2.5 सेै 3 सेमी गहरा गड्ढा खोदें और प्रति गड्ढे में 2 से 3 बीज डालें.
किसान इस बात का ध्यान रखें कि बीज बुवाई करते समय कतार से कतार की दूरी 1.5 से 2 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 60 से 90 सेमी तक होनी चाहिए. बता दें कि, बीज बुवाई के तुरंत बाद खेत की हल्की सिंचाई करें. इसके बाद जरूरत के अनुसार हर 7 से 10 दिन के अंतराल पर फसल को पानी दें.

सितंबर के महीने में करें लौकी की किस्म हरूना की खेती (Photo Credit- Canva)
पैदावार और कुल कमाई
लौकी की ये किस्म कम समय और लागत में अच्छा उत्पादन देने वाली किस्म है. इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान 250 से 300 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं. हरूना लौकी बुवाई के करीब 45 दिन बाद पककर तैयार हो जाती है. ये लौकी की एक अगेती किस्म है जो कि जल्दी तैयार हो जाती है और किसान समय से पहले ही बाजार में इसकी बिक्री कर अच्छी कमाई कर सकते हैं.
बात करें लौकी से होने वाली कमाई की तो लौकी की औसत कीमत बाजार में 10 से 12 रुपये प्रति किलोग्राम होती है. अगर कोई किसान 250 क्विंटल उत्पादन करता है तो औसतन 10 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उसे 2.5 लाख तक कमाई हो सकती है. इस कमाई से लागत का औसतन 30 हजार रुपये घटा दें तो किसानों को इसकी खेती से 2.2 लाख तक शुद्ध मुनाफा मिलता है.