फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि उन्हें सही पोषण, खाद और पर्याप्त मात्रा में पानी मिले. लेकिन लगातार गिरते भूजल स्तर के चलते किसानों के सामने सिंचाई की समस्या पैदा हो रही है. ऐसे में किसान समय पर फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे फसलों के विकास पर असर पड़ रहा है. लेकिन अब किसानों को सिंचाई को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि बिहार सरकार सिंचाई प्रणाली को सरल बनाने के लिए किसानों को सब्सिडी दे रही है.
दरअसल, बिहार में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनाओं के तहत किसानों को अलग- अलग सिंचाई तकनीकों के इस्तेमाल पर बंपर सब्सिडी दी जा रही है. इन तकनीकों में ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर और पोर्टेबल स्प्रिंकलर शामि हैं. सरकार को उम्मीद है कि उसकी इस मदद से किसानों का खर्च बचेगा, उत्पादन बढेंगी और पानी की भी बचत होगी.
ड्रिप सिंचाई पर 80 फीसदी सब्सिडी
बिहार सरकार सिंचाई के लिए खेतों में ड्रिप सिस्टम लगवाने पर किसानों को कुल लागत का 80 फीसदी खर्च देगी. ड्रिप सिंचाई एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से पानी धीरे-धीरे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचता है. इस तकनीक से पानी का इस्तेमाल कम हो जाता है. पौधों को पर्याप्त पानी और जरूरी पोषक तत्व दोनों मिल जाते हैं. बता दें कि ड्रिप सिंचाई को बूंद-बूंद सिंचाई भी कहा जाता है. इस तरह की सिंचाई विधि से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
छोटे खेतों में लगाएं मिनी स्प्रिंकलर
मिनी स्प्रिंकलर छोटे और सीमांत किसानों के लिए सही है. खास कर जिनके पास छोटे खेत हैं. खेतों में मिनी स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई करने पर पानी की बचत के साथ ही मिट्टी की सेहत भी सुधरती है और फसल की पैदावार भी उन्नत क्वालिटी की होती है. पारंपरिक सिंचाई की तुलना में मिनी स्प्रिंकलर में बहुत ही कम पानी का इस्तेमाल होता है. साथ ही इसमें कम बिजली की जरूरत होती है.
पौधों के विकास में मदद करता है माइक्रो स्प्रिंकलर
माइक्रो स्प्रिंकलर की मदद से पानी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचता है. साथ ही इस स्प्रिंकलर को बहुत ज्यादा रख रखाव की भी जरूरत नहीं होती है. स्प्रिंकलर विधि से खेतों में पानी समान मात्रा में जाता है, जिसके कारण पौधों का विकास तेजी से होता है और फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है. बता दें कि माइक्रो स्प्रिंकलर लगाने के लिए बिहार सरकार कुल लागत का 80 फीसदी खर्च सब्सिडी के तौर पर दे रही है.
पोर्टेबल स्प्रिंकलर पर 55 फीसदी सब्सिडी
पोर्टेबल स्प्रिंकलर के इस्तेमाल पर बिहार सरकार किसानों को कुल लागत का 55 फीसदी खर्च दे रही है. पोर्टेबल स्प्रिंकलर बागवानी फसलों और होम गार्डन या लॉन की सिंचाई के लिए सही माना जाता है. इसकी खासियत है कि इसकी मदद से खेतों में कीटनाशकों और उर्वरकों का भी छिड़काव किया जा सकता है. पोर्टेबल स्प्रिंकलर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना बेहद आसान होता है. इस स्प्रिंकलर का इस्तेमाल किसान किसी भी तरह के खेत में कर सकते हैं.