प्री-मॉनसून बारिश से ओडिशा के कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने कहा कि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाएगा. राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को 3-4 दिनों के भीतर फसल नुकसान की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ जिलों से रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है. नुकसान का आंकलन होने के बाद ये रिपोर्ट बीमा कंपनियों को भेजी जाएगी, ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों को मुआवजा मिल सके.
दरअसल, फसल नुकसान की समीक्षा एक उच्च स्तरीय बैठक में की गई, जिसमें उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री केवी सिंह देव, राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, और खाद्य आपूर्ति मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र शामिल हुए. बैठक के बाद मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमित नहीं हैं, उन्हें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SRDF) के नियमों के अनुसार इनपुट सहायता दी जाएगी. मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि प्रभावित किसानों को अगले चार दिनों में इनपुट सब्सिडी मिलनी शुरू हो जाएगी.
खड़ी धान की फसल अंकुरित हो गई
बैठक में बारिश से प्रभावित किसानों से धान की खरीद पर भी चर्चा हुई. चूंकि मंडियों में गीले धान को सुखाने के लिए आधुनिक मशीनें मौजूद हैं, इसलिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे इनका इस्तेमाल करें, ताकि उनकी फसल ‘फेयर एवरेज क्वालिटी’ मानकों पर खरी उतर सके. कुछ जिलों से रिपोर्ट मिली है कि अधिक नमी के कारण पकने की स्थिति में खड़ी धान की फसल अंकुरित हो गई है, जिससे वह बिक्री लायक नहीं रह गई.
फसल कटाई का काम भी रुक गया
वहीं, बेमौसम बारिश से कटाई का काम भी रुक गया है. मॉनसून की शुरुआत के साथ ही निचले इलाकों में जलभराव एक नई चुनौती बन गया है. मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए शहरी विकास और पंचायती राज विभागों को अपनी मशीनरी तैयार रखने के निर्देश दे दिए गए हैं.
जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन
बता दें कि असमय और भारी बारिश से फसल को नुकसान होने के बाद बड़गड़ जिले के किसानों ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया था. उन्होंने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की थी. संजुक्त कृषक संगठन के बैनर तले किसानों ने अंकुरित धान के गुच्छे हाथ में लेकर आरोप लगाया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि उनकी परेशानियों की अनदेखी कर रहे हैं. किसानों ने कहा था कि बेमौसम बारिश से हमारे खेत डूब गए हैं. कटाई की गई धान सड़ रही है, लेकिन अब तक कोई अधिकारी नुकसान का जायजा लेने नहीं आया.