मॉनसून से पहले करें ग्रीष्मकालीन जुताई, जानें खेती से पहले क्यों है जरूरी

ग्रीष्मकालीन जुताई का सबसे सही समय रबी फसलों की कटाई के तुरंत बाद, अप्रैल से जून के बीच का होता है. खेत की जुताई के लिए मिट्टी पलटने वाले हल या क्लटीवेटर का इस्तेमाल करें.

नोएडा | Published: 14 Jun, 2025 | 12:18 PM

किसी भी फसल को लगाने से पहले सबसे पहला और बेहद जरूरी काम होता है खेत की जुताई करना. ताकि मिट्टी को ज्यादा उपजाऊ बनाया जा सके और पिछले फसल के अवशेष और खरपतवारों को नष्ट किया जा सके. देश के कुछ हिस्सों में मॉनसून एंट्री ले चुका है और कुछ हिस्सों में अभी भी मॉनसून का आना बाकी है. ऐसे में ये समय ग्रीष्मकालीन जुताई के लिए सबसे सही है. ग्रीष्मकालीन जुताई से मिट्टी की उर्वरता, कीटों, रोगों और खरपतवारों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. खबर में आगे बात करेंगे क्या हैं ग्रीष्मकालीन जुताई के फायदे.

ग्रीष्मकालीन जुताई के फायदे

गर्मियों में जुताई करने से मिट्टी के नीचे छुपे कीट सतह पर आ जाते हैं और तेज धूप के कारण नष्ट हो जाते हैं , जिससे कीटों और रोगों की संख्या में 30 से 50 फीसदी कमी आती है. इसके साथ ही गर्मियों में जुताई करने से मिट्टी में भी सुधार आता है, मिट्टी पानी को अच्छे से सोखने में सक्षम होती है और जमीन भी उपजाऊ बनती है. जुताई से खरपतवारों के बीज और अवशेष मिट्टी की सतह पर आ जाते हैं और तेज गर्मी में ये खरपतवार नष्ट हो जाते हैं. जुताई करने का एक फायदा और है कि इसकी मदद से मिट्टी में गोबर की खाद और अन्य जरूरी पोषक तत्व अच्छे से मिल जाते हैं जो कि मिट्टी और फसल दोनों के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

जुताई करने की सही विधि

ग्रीष्मकालीन जुताई का सबसे सही समय रबी फसलों की कटाई के तुरंत बाद, अप्रैल से जून के बीच का होता है. खेत की जुताई के लिए मिट्टी पलटने वाले हल या क्लटीवेटर का इस्तेमाल करें. ध्यान रहे कि आप जब भी जुताई करें तो 15 से 20 सेमी गहरी जुताई करें. इसके साथ ही अगर आपका खेत ढलान वाला है को हमेशा खेत की जुताई ढलान के विपरीत करें .

इन सावधानियों को बरतना है जरूरी

ग्रीष्मकालीन जुताई से पहले कुछ बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है. जैसे ज्यादा सूखी या ज्यादा गीली मिट्टी में जुताई करने से बचें , ये मिट्टी को खराब कर सकती है. अगर मिट्टी बलुई और रेतीली है तो जुताई न करें या फिर जुताई से पहले विषेज्ञ की सलाह जरूर लें. जुताई के बाद खेत में बीजों का उपचार करना बेहद जरूरी है, ताकि बीजों से होने वाले रोगों और कीटों को कंट्रोल किया जा सके.