दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान: पशुपालकों के घर-घर पहुंचकर दूध बढ़ाने की जानकारी देंगे अधिकारी

मध्यप्रदेश में 2 अक्टूबर से दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान शुरू होगा. इसका उद्देश्य पशुपालकों को दूध उत्पादन बढ़ाने, पशु पोषण, नस्ल सुधार और स्वास्थ्य की जानकारी देना है. यह अभियान तीन चरणों में चलाकर गांव-गांव संपर्क करेगा और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 15 Sep, 2025 | 07:22 PM

मध्यप्रदेश सरकार अब किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दुग्ध उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसी कड़ी में प्रदेश में 2 अक्टूबर से ‘दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान’ की शुरुआत की जा रही है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है पशुपालकों को दूध उत्पादन बढ़ाने, पशु पोषण, नस्ल सुधार और पशु स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना. यह अभियान गांव-गांव चलाया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा पशुपालक इससे लाभ ले सकें.

2 अक्टूबर से गांव-गांव पहुंचेगा अभियान

दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन की जाएगी. इस दिन पूरे प्रदेश में ग्राम सभाओं का आयोजन होगा, जहां पशुपालकों को बुलाकर उन्हें योजना की जानकारी दी जाएगी. अभियान 9 अक्टूबर तक चलेगा और इसका उद्देश्य है हर छोटे-बड़े पशुपालक तक पहुंच बनाना. यह प्रदेश में दूध उत्पादन दोगुना करने के लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

तीन चरणों में होगा संपर्क अभियान

दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान को तीन चरणों में चलाया जाएगा, ताकि सभी स्तर के पशुपालकों तक सही जानकारी पहुंचाई जा सके. पहले चरण में 10 या उससे अधिक गौ-वंश रखने वाले पशुपालकों से संपर्क किया जाएगा. दूसरे चरण में 5 से 9 गौ-वंश रखने वालों को शामिल किया जाएगा. तीसरे और अंतिम चरण में 5 या उससे कम गौ-वंश रखने वाले छोटे पशुपालकों तक पहुंच बनाई जाएगी. इस चरणबद्ध प्रक्रिया के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर प्रकार के पशुपालक को बराबरी से लाभ मिले, चाहे उनके पास अधिक जानवर हों या कम.

पशु स्वास्थ्य, पोषण और नस्ल सुधार पर जोर

दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान में सरकार का फोकस तीन अहम बिंदुओं पर केंद्रित है-पशु पोषण, पशु स्वास्थ्य और नस्ल सुधार. पशुपालकों को बताया जाएगा कि पशुओं को क्या, कितना और कब खिलाना चाहिए ताकि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे. साथ ही, बीमारियों की पहचान, सही इलाज और बचाव के उपायों पर जानकारी दी जाएगी. नस्ल सुधार के अंतर्गत अच्छी नस्लों को अपनाकर दूध उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए, यह समझाया जाएगा. इन सभी विषयों पर पशु चिकित्सकों और प्रशिक्षित मैत्रियों के माध्यम से गांव-गांव जाकर जानकारी दी जाएगी, ताकि पशुपालक ज्यादा और बेहतर दूध प्राप्त कर सकें.

घर-घर जाकर होगा सीधा संवाद

इस अभियान में खास बात यह है कि यह संपर्क आधारित है यानी अधिकारी और कर्मी गांवों में जाकर, घर-घर और पशुपालकों से आमने-सामने मिलकर जानकारी देंगे. सिर्फ भाषण या पोस्टर से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन किया जाएगा. इससे पशुपालकों के सवालों के जवाब तुरंत मिलेंगे और वे अपनी समस्याएं भी सीधे बता सकेंगे.

दूध उत्पादन और आमदनी में दोगुनी बढ़ोतरी

प्रदेश सरकार का बड़ा लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में दूध उत्पादन को दोगुना किया जाए. इससे न सिर्फ गांवों में रोजगार बढ़ेगा, बल्कि किसान और पशुपालकों की आमदनी में भी बड़ा इजाफा होगा. पशुपालन विभाग के मुताबिक, अगर पशुपालकों को सही जानकारी और संसाधन मिलें, तो कम खर्च में ज्यादा लाभ उठाया जा सकता है. यही सोचकर सरकार यह अभियान चला रही है.

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Published: 15 Sep, 2025 | 07:22 PM
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