देश की खेती और किसानों से जुड़ी योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए संसद की स्थायी समिति ने केंद्र सरकार को अहम सुझाव दिए हैं. कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर बनी संसदीय समिति ने कहा है कि कृषि क्षेत्र को उसका सही महत्व देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के बजट में बढ़ोतरी जरूरी है. साथ ही समिति ने कृषि शोध संस्थानों में लंबे समय से खाली पड़े पदों को समय पर भरने पर भी जोर दिया है, ताकि अनुसंधान और नवाचार की रफ्तार तेज हो सके.
कृषि बजट बढ़ाने पर समिति का जोर
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, समिति का मानना है कि देश की बड़ी आबादी आज भी खेती पर निर्भर है, ऐसे में कृषि क्षेत्र को पर्याप्त संसाधन मिलना बेहद जरूरी है. समिति ने कहा कि मौजूदा योजनाओं का दायरा बढ़ाने और उनके असर को जमीनी स्तर पर साफ तौर पर दिखाने के लिए बजट में और इजाफा होना चाहिए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर कृषि योजनाओं को सही तरीके से लागू करना है तो उन्हें पर्याप्त फंड और बेहतर योजना की जरूरत होगी.
सरकार ने समिति को जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का बजट बढ़ाकर 1,17,528.80 करोड़ रुपये किया गया है. यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 1.73 प्रतिशत अधिक है. हालांकि समिति का कहना है कि यह बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं है और खेती की चुनौतियों को देखते हुए और ज्यादा निवेश की जरूरत है.
खाली पदों से कमजोर पड़ रहा शोध तंत्र
समिति ने कृषि शोध संस्थानों में खाली पड़े पदों पर भी चिंता जताई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिकों और तकनीकी कर्मचारियों की कमी से शोध कार्य प्रभावित हो रहा है. नई तकनीक, बेहतर बीज और जलवायु के अनुकूल खेती के लिए मजबूत शोध व्यवस्था जरूरी है. अगर समय पर भर्तियां नहीं होंगी तो इसका सीधा असर किसानों तक पहुंचने वाली तकनीकों पर पड़ेगा.
सरकार ने समिति को बताया है कि रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया लगातार चल रही है. भर्ती और पदोन्नति के जरिए खाली पद भरे जा रहे हैं और सेवानिवृत्ति या कार्यकाल पूरा होने की जानकारी पहले से जुटाकर संबंधित एजेंसियों को भेजी जाती है. इसके बावजूद समिति ने साफ कहा है कि इस प्रक्रिया में और तेजी लाने की जरूरत है.
किसानों तक पहुंचे शोध का फायदा
समिति का मानना है कि जब तक शोध संस्थानों में पर्याप्त और योग्य स्टाफ नहीं होगा, तब तक नई तकनीकें किसानों तक सही समय पर नहीं पहुंच पाएंगी. मजबूत शोध व्यवस्था से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि खेती की लागत कम करने और किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
समिति ने उम्मीद जताई है कि सरकार उसके सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी. बजट में बढ़ोतरी और समय पर भर्तियों से कृषि क्षेत्र को नई दिशा मिल सकती है. इससे न सिर्फ योजनाओं का असर बढ़ेगा, बल्कि किसानों का भरोसा भी मजबूत होगा और खेती को एक टिकाऊ और लाभकारी पेशा बनाने में मदद मिलेगी.