गेंहू की कटाई में इस बार कुछ राज्यों ने शानदार प्रदर्शन किया है. मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और पंजाब ने कटाई पूरी कर ली है, जबकि यूपी बिहार में यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. इस बात की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिन में समीक्षा बैठक के दौरान दी. इस दौरान उन्होंने बताया कि गेंहू और चावल के स्टॉक में इस साल कोई कमी नहीं है और हाल में चल रही लू व ओलावृष्टि का फसलों पर कोई खास असर नहीं पड़ा.
यूपी-बिहार में फसल की स्थिति
उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों ने कटाई में पिछड़ते हुए मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों से काफी पीछे रह गए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्रालय की 2 मई 2025 तक की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 94 फीसदी और बिहार में 96 फीसदी तक गेहूं की कटाई हो चुकी है, जबकि इन राज्यों के साथ इस रेस में शामिल अन्य राज्यों ने पहले ही 100 फीसदी कटाई पूरी कर ली है. इससे साफ जाहिर होता है कि यूपी और बिहार में गेहूं की कटाई में कुछ विशेष चुनौतियां सामने आई हैं, जिनका असर किसानों के समय पर उत्पादन पर पड़ा है. इन राज्यों में अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां कटाई प्रक्रिया धीमी चल रही है और फसल की पूरी कटाई के लिए और समय लग सकता है.

Wheat Farming
गुजरात-राजस्थान में गेहूं की कटाई
भारत के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान ने अपनी कटाई को पहले ही पूरा कर लिया है. वहीं पंजाब में भी 97 फीसदी गेहूं की कटाई हो चुकी है. इस वर्ष गेहूं की फसल में सामान्य से बेहतर उत्पादन का अनुमान है और सभी राज्य इसे अपने-अपने समय पर पूरी तरह समेटने में सफल रहे हैं. विशेष रूप से गेहूं की परिपक्वता का चरण लगभग समाप्त हो चुका है और अब उच्च तापमान और लू की स्थिति में यह कटाई और तेज हो सकती है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि हाल की ओलावृष्टि और लू की घटनाओं का असर फसलों पर न के बराबर पड़ा है, जिससे गेहूं की कटाई में कोई खास रुकावट नहीं आई.
गेहूं-चावल के स्टॉक में इजाफा
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिन कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में देश के कृषि क्षेत्र की प्रगति का जायजा लिया. इस बैठक के दौरान उन्होंने गेहूं और चावल के स्टॉक की स्थिति की समीक्षा की और बताया कि गेहूं का भंडारण राष्ट्रीय बफर मानकों के मुकाबले काफी बेहतर है. गेहूं का स्टॉक 74.60 लाख मीट्रिक टन के मानक के मुकाबले 177.08 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जबकि चावल का स्टॉक भी मानक से काफी अधिक है. कृषि मंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि देश में खाद्यान्न का भंडारण पर्याप्त है, जिससे आने वाले समय में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं होगी.
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