Bihar News:- बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना शुरू की है. यह योजना मछुआ किसानों और मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्यों के लिए बड़ी मदद साबित होगी. इस योजना के तहत मछुआ और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को सस्ते दामों पर नाव और जाल उपलब्ध कराए जाएंगे. इसका मुख्य उद्देश्य मत्स्य उत्पादन बढ़ाना और मछुआ किसानों की आय में सुधार करना है. आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं कि आप कैसे इसका लाभ उठा सकते हैं.
योजना का मकसद क्या है?
इस योजना का सबसे बड़ा मकसद है कि बिहार के मछुआ किसानों को उनकी जरूरत की नाव और जाल अनुदानित दरों पर उपलब्ध कराकर उनकी आय बढ़ाई जाए. बिहार सरकार चाहती है कि मत्स्य पालन को बढ़ावा मिले और मछुआ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो. इससे मत्स्य उत्पादन भी बढ़ेगा और किसानों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. सरकार इस योजना के जरिए मछुआ किसान परिवारों को सीधे लाभ पहुंचाना चाहती है.
कौन लाभार्थी बन सकते हैं?
इस योजना का लाभ राज्य के मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य या परंपरागत मछुआ ही उठा सकते हैं. साथ ही महिला मछुआ, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मछुआ भी आवेदन कर सकते हैं. जो लोग मत्स्य शिकारमाही कार्य करते हैं और उनके पास संबंधित दस्तावेज या अनुशंसा पत्र है, वे इस योजना के पात्र हैं. इसका मतलब है कि केवल नाव और जाल रखने वाले मछुआ ही नहीं, बल्कि वे लोग भी इसमें शामिल हैं जो मछली पकड़ने का काम करते हैं.
योजना के तहत क्या मिलेगा?
इस योजना के अंतर्गत तीन मुख्य पैकेज उपलब्ध हैं:-
- फिशिंग उडेन बोट पैकेज: जिसकी इकाई लागत लगभग 1,24,400 रुपये है.
- फिशिंग एफआरपी बोट पैकेज: जिसकी इकाई लागत लगभग 1,54,400 रुपये है.
- कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज: जिसकी कीमत लगभग 16,700 रुपये है.
योजना के तहत लागत का 90 फीसदी सब्सिडी के तौर पर मिलेगा, जबकि बाकी 10% की राशि लाभार्थी स्वयं या बैंक से ऋण लेकर दे सकते हैं. इससे मछुआ किसानों को भारी आर्थिक सहायता मिलेगी.
आवेदन कैसे करें?
इस योजना के लिए आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन होंगे. इच्छुक लाभार्थी https://fisheries.bihar.gov.in/ वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के दौरान मोबाइल नंबर, बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, IFSC कोड, आधार कार्ड संख्या, मत्स्य शिकारमाही से संबंधित अनुशंसा पत्र और स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे. आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है, इसलिए इच्छुक मछुआ किसान जल्द आवेदन कर लें ताकि इस योजना का लाभ उठा सकें.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड की अभिप्रमाणित प्रति
- बैंक खाता विवरण (खाता संख्या, IFSC कोड, बैंक शाखा का नाम)
- मत्स्य शिकारमाही कार्य से संबंधित अनुशंसा पत्र
- स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र (यदि आप प्रशिक्षित हैं)
- मत्स्यजीवी सहयोग समिति का सदस्य प्रमाण पत्र या परवाना (यदि उपलब्ध हो)
- इन दस्तावेजों को ऑनलाइन आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य है.
आवेदन के बाद चयन प्रक्रिया
आवेदन जमा होने के बाद चयन की जिम्मेदारी उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति के पास होगी. यह समिति आवेदन पत्रों की जांच कर पात्र मछुआ किसानों का चयन करेगी. योजना के तहत हर मछुआ किसान या परिवार को केवल एक ही पैकेज का लाभ मिलेगा. चयन प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी.
योजना से किसानों को क्या फायदा होगा?
इस योजना से मछुआ किसानों को कई फायदे होंगे:-
- नाव और जाल के लिए भारी आर्थिक सब्सिडी मिलने से लागत कम होगी.
- मछुआ किसानों की आय बढ़ेगी और वे बेहतर तरीके से मछली पालन कर सकेंगे.
- रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
- मछली उत्पादन बढ़ने से राज्य का मत्स्य उद्योग भी मजबूत होगा.
- ग्रामीण स्तर पर आर्थिक स्थिति सुधरने में मदद मिलेगी.
- सरकार की इस योजना से मछुआ किसानों को आत्मनिर्भर बनने का सुनहरा मौका मिलेगा.