अब बीमार पशु का इलाज कराइए बिना भागदौड़ के, बस इस नंबर पर कॉल करें और डॉक्टर पहुंचेगा घर

बिहार सरकार ने पशुपालकों के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई सेवा शुरू की है. इस सेवा से पशुपालक टोल फ्री नंबर पर कॉल कर घर बैठे अपने पशुओं के इलाज या सलाह ले सकते हैं. यह सुविधा पूरी तरह मुफ्त है और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बेहद उपयोगी है.

नोएडा | Published: 17 Sep, 2025 | 05:33 PM

Bihar News: बिहार सरकार आए दिन पशुपालन से जुड़े किसानों और पशुपालकों के लिए कोई न कोई नई और लाभकारी योजना लेकर आती रहती है. अब सरकार ने पशुपालकों की सुविधा के लिए एक और शानदार पहल शुरू की है, जिसका नाम है मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई सेवा. इस सेवा के तहत अब पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करके घर बैठे ही बीमार पशुओं के इलाज के लिए डॉक्टर को बुला सकते हैं. साथ ही, इस नंबर पर कॉल करके मुफ्त में पशु से जुड़ी सलाह भी ली जा सकती है.

अब इलाज के लिए सिर्फ एक कॉल काफी

राज्य सरकार के पशुपालन निदेशालय द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत, अब किसी भी तरह की पशु चिकित्सा सेवा पाने के लिए दूर-दराज के अस्पतालों में भागने की जरूरत नहीं है. पशुपालक सिर्फ 1962 पर कॉल करें और सरकार की तरफ से एक मोबाइल वेटरनरी यूनिट (डॉक्टर, दवा और स्टाफ के साथ) सीधे उनके घर भेजी जाएगी. यह सेवा पूरी तरह मुफ्त है और खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और जहां नजदीक कोई पशु अस्पताल नहीं होता.

डॉक्टर के साथ मिलेगा फ्री परामर्श भी

मोबाइल वेटरनरी वाहन में एक अनुभवी डॉक्टर और सहायक स्टाफ मौजूद होता है, जो बीमार पशुओं का इलाज करता है. अगर किसी पशुपालक को सिर्फ जानकारी या सलाह चाहिए, तो वे टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं. यह सेवा पूरी तरह मुफ्त और भरोसेमंद है. पशुपालक टीकाकरण, दूध देने वाले पशुओं की देखभाल, गर्भवती गाय या भैंस की संभाल, बछड़ों की सेहत और पोषण से जुड़ी किसी भी समस्या पर डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं. यह सरकारी सेवा है और इसका उद्देश्य पशुपालकों की सुविधा और पशुओं का बेहतर इलाज है.

क्या है मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई?

मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई एक सरकारी सेवा है, जिसके तहत इलाज से जुड़ी एक विशेष गाड़ी पशुपालकों के घर तक भेजी जाती है. इस गाड़ी में एक प्रशिक्षित पशु चिकित्सक, सहायक स्टाफ, जरूरी दवाइयां और प्राथमिक उपचार का पूरा इंतजाम होता है. साथ ही, यह वाहन आपात स्थिति में भी पशुओं को तत्काल चिकित्सा सहायता देने में सक्षम है. यह सेवा समय पर इलाज उपलब्ध कराकर न केवल पशुओं की जान बचाती है, बल्कि पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से भी बचाती है. यह खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पशुपालकों के लिए बेहद लाभकारी पहल है.

गांव के पशुपालकों के लिए वरदान

गांव के पशुपालकों को पशुओं के इलाज के लिए कई बार मीलों दूर जाना पड़ता है. ना तो पास में अस्पताल होता है, और ना ही डॉक्टर तुरंत मिलते हैं. ऐसे में यह सेवा उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. अब उन्हें बस 1962 पर कॉल करना है, और इलाज उनके दरवाजे पर मिलेगा. इससे समय की बचत होगी, पैसे की बचत होगी और पशुओं को समय पर इलाज भी मिलेगा.

सरकार की पहल, पशुपालकों की सहूलियत

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई यह सुविधा ग्रामीण पशुपालकों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है. इसका उद्देश्य हैइलाज को आसान बनाना, जानकारी को घर-घर पहुंचाना, और पशुपालकों की आमदनी को सुरक्षित रखना. यह सेवा पूरे बिहार में उपलब्ध है और सप्ताह के सातों दिन, 24 घंटे कॉल की जा सकती है. यह कदम सरकार की पशुपालकों के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को दर्शाता है.

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