Goat Farming : अगर आप खेती-बाड़ी करते हैं या गांव में रहकर कोई ऐसा काम शुरू करना चाहते हैं जिससे हर महीने पक्की आमदनी हो, तो आपके लिए एक शानदार मौका आया है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) अब ग्रामीण युवाओं और किसानों के लिए फ्री बकरी पालन ट्रेनिंग दे रहे हैं. इस ट्रेनिंग में न केवल आपको बकरी पालन का पूरा ज्ञान मिलेगा, बल्कि प्रशिक्षण के बाद दो से तीन बकरियों का सेट भी मुफ्त में दिया जाएगा ताकि आप खुद की गोट फार्मिंग यूनिट शुरू कर सकें.
कम खर्च में शुरू करें बकरी पालन, मुनाफा भी जल्दी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बकरी पालन ऐसा व्यवसाय है जिसमें ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं पड़ती और मुनाफा जल्दी मिलता है. किसान खेती के साथ-साथ इसे अपनाकर दोगुनी आमदनी कमा सकते हैं. यही वजह है कि पशुधन मिशन के तहत राज्य सरकारें और कृषि संस्थान अब युवाओं को इस दिशा में प्रेरित कर रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के अनुसार इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य गांव के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर तैयार करना है. आज के समय में बकरी पालन ग्रामीण निवेश का सबसे सुरक्षित और लाभदायक विकल्प बनता जा रहा है.
फ्री ट्रेनिंग में सिखाया जाएगा सब कुछ
इस ट्रेनिंग में प्रतिभागियों को बकरी पालन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात सिखाई जाएगी-
- पशुपालकों के लिए रोजगार का नया मौका, केवल दूध ही नहीं ऊंट के आंसुओं से भी होगी कमाई
- बरसात में खतरनाक बीमारी का कहर, नहीं कराया टीकाकरण तो खत्म हो जाएगा सब
- पशुपालक इन दवाओं का ना करें इस्तेमाल, नहीं तो देना पड़ सकता है भारी जुर्माना
- 2000 रुपये किलो बिकती है यह मछली, तालाब में करें पालन और पाएं भारी लाभ
- कौन-सी नस्ल दूध के लिए बेहतर है और कौन-सी मांस उत्पादन के लिए.
- बकरियों का आहार प्रबंधन, टीकाकरण प्रक्रिया और बीमारियों से बचाव के तरीके.
- कम जगह में बकरी यूनिट स्थापित करने के व्यावहारिक तरीके.
इस कार्यक्रम में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. यानी ट्रेनिंग पूरी तरह फ्री है. ट्रेनिंग के दौरान विशेषज्ञ आपको न केवल जानकारी देंगे, बल्कि बकरी पालन का प्रैक्टिकल अनुभव भी कराएंगे ताकि आप वास्तविक स्थितियों को समझ सकें.
कैसे करें आवेदन और क्या लगेंगे दस्तावेज
अगर आप इस योजना में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो आवेदन की प्रक्रिया बेहद आसान है. इच्छुक युवक या किसान अपने आधार कार्ड, फोटो और बैंक पासबुक की कॉपी
के साथ अपने राज्य में नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र  में आवेदन कर सकते हैं. सीटें सीमित हैं, इसलिए पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर चयन होगा. जिन प्रतिभागियों को चयनित किया जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दो से तीन बकरियों का सेट भी केंद्र की ओर से दिया जाएगा. इससे नए किसान बिना खर्च किए अपनी यूनिट शुरू कर सकेंगे.
महिलाओं के लिए भी बेहतरीन अवसर
यह ट्रेनिंग सिर्फ पुरुषों के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए भी बड़ी संभावना लेकर आई है. ग्रामीण महिलाएं घर बैठे इस काम से जुड़ सकती हैं और अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं. कई जगहों पर महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से बकरी पालन का छोटा कारोबार शुरू किया गया है, जो अब बड़ी सफलता की मिसाल बन चुके हैं. बकरी पालन से न केवल दूध और मांस से आमदनी होती है, बल्कि बकरियों की खाद भी खेतों के लिए बेहतरीन जैविक खाद का काम करती है. यानी यह काम कम खर्च, कम जोखिम और ज्यादा लाभ वाला है.
गांव की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई दिशा
कृषि विज्ञान केंद्र का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में बड़ा प्रयास है. बकरी पालन से जुड़े युवाओं को अब शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा. इससे गांव में ही रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर बढ़ेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में बकरी पालन ग्रामीण भारत की आर्थिक रीढ़ बन सकता है. दूध, मांस और खाद के अलावा, बकरियों की बिक्री से भी अच्छी-खासी आमदनी होती है.
जल्द करें रजिस्ट्रेशन, न चूकें यह मौका
अगर आप भी खेती-बाड़ी के साथ कोई अतिरिक्त आय का जरिया ढूंढ रहे हैं, तो यह मौका आपके लिए सोने पर सुहागा है. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है, इसलिए अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें और इस फ्री ट्रेनिंग कार्यक्रम का हिस्सा बनें. यह सिर्फ एक ट्रेनिंग नहीं, बल्कि अपने पैरों पर खड़े होने की शुरुआत है. थोड़ी मेहनत, सही मार्गदर्शन और यह फ्री बकरी सेट और आप भी बन सकते हैं अपने गांव के सफल उद्यमी.
 
 
                                                             
                             
                             
                             
                             
 
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                    