सीएम योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है. शहर के पांच इलाकों में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पूरे शहर की जीवित पक्षी मंडियों को 21 दिनों के लिए बंद कर दिया है. इसके साथ ही एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गियों समेत सभी पक्षियों को मारने का अभियान शुरू कर दिया गया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इन मुर्गियों को पालने वाले किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
पांच इलाकों से मिले संक्रमण के संकेत
पीटीआई के अनुसार गोरखपुर के झुंगिया बाजार, एल्युमीनियम फैक्ट्री क्षेत्र, तारामंडल, भगत चौराहा और शहीद अशफाकउल्ला खान प्राणी उद्यान से लिए गए पोल्ट्री सैंपल बर्ड फ्लू के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं. ये सैंपल भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (NIHSAD) को भेजे गए थे, जहां H5N1 और H9N2 जैसे खतरनाक स्ट्रेन की पुष्टि की गई. प्रशासन ने इसे लेकर तुरंत एक्शन प्लान तैयार किया.
एक किलोमीटर के दायरे में शुरू हुआ किलिंग अभियान
अतिरिक्त नगर आयुक्त निरंकार सिंह के मुताबिक, केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार संक्रमित इलाकों के एक किलोमीटर के दायरे में सभी जीवित पक्षियों को मारा जा रहा है. यह कार्रवाई इसलिए जरूरी मानी जा रही है ताकि संक्रमण आगे न फैले. इस दायरे में स्थित पोल्ट्री फॉर्म, दुकानों और घरों में मौजूद सभी मुर्गे-मुर्गियों और अन्य पक्षियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है.
जिला प्रशासन ने बनाई रैपिड रिस्पांस टीमें
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (CVO) ने बताया कि जिले में रैपिड रिस्पांस टीमों को सक्रिय कर दिया गया है. इन टीमों के सहयोग से संक्रमित इलाकों की निगरानी, किलिंग, डिसइन्फेक्शन और जागरूकता के काम को तेज किया गया है. इसके साथ ही सदर पशु चिकित्सालय में एक विशेष कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां से पूरे अभियान पर नजर रखी जा रही है.
अब तक 1,328 सैंपल की जा चुकी है जांच
जिला निगरानी टीमों ने अब तक गोरखपुर के विभिन्न इलाकों से कुल 1,328 सैंपल एकत्र किए हैं. प्रशासन की प्राथमिकता है कि हर संक्रमित इलाके की पूरी तरह स्क्रीनिंग हो और संभावित खतरे को समय रहते रोका जाए. फिलहाल शहर में पोल्ट्री कारोबारियों और पक्षी पालकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
सरकार देती है मुआवजा
प्रशासन ने गोरखपुर के पोल्ट्री पालकों और कारोबारियों से सतर्क रहने को कहा है. जिन किसानों ने हजारों मुर्गियां पाली थीं, अब बर्ड फ्लू के कारण उन्हें मरवाया जा रहा है. इसका सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है. हालांकि, पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के तहत केंद्र और राज्य 50-50 लागत पर उन किसानों को मुआवजा भी देते हैं, जिनके पोल्ट्री पक्षी मारे जाते हैं या जिनके अंडे और चारा नष्ट किया जाता है.