सितंबर में मुर्गियों में घट सकती है अंडा उत्पादन की क्षमता, सुधार के लिए बिहार सरकार ने जारी की एडवाइजरी

सितंबर के महीने में मौसम नमी भरा होता है जिसके कारण मुर्गियों को घुटन हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि किसान मुर्गियों के शेड में पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था करें ताकि शेड में ताजी हवा आती रहे.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 15 Sep, 2025 | 05:45 PM

Bihar News: सितंबर का महीना पशुपालकों के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण होता है. इस महीने में तापमान में होने वाले उतार-चढ़ाव और मौसम में होने वाले बदलावों के चलते सभी पशुओं पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में ये समय पोल्ट्री किसानों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इस मौसम में मुर्गियों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिसका सीधा असर अंडा उत्पादन में गिरावट के रूप में देखा जाता है. ऐसे में बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पोल्ट्री किसानों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी जारी की है, ताकि किसान नुकसान से बच सकें और अंडा उत्पादन में भी सुधार किया जा सके.

शेड की साफ-सफाई है जरूरी

सितंबर के महीने में मौसम नमी भरा होता है जिसके कारण मुर्गियों को घुटन हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि किसान मुर्गियों के शेड में पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था करें ताकि शेड में ताजी हवा आती रहे. साथ ही पोल्ट्री किसानों को ये सलाह दी जाती है कि वे  नियमित रूप से शेड की सफाई करें, चूने या सूखे भूसे की बेडिंग लगाएं क्योंकि सड़ी या फिर गीली बेडिंग से मुर्गियों में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ता है. इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि एक जगह पर जरूरत से ज्यादा मुर्गियों को न रखें, ऐसा करने से मुर्गियों के बीच तनाव बढ़ता है जो कि उनके अंडा उत्पादन की क्षमता पर प्रभाव डालता है.

तापमान में संतुलन बनाए रखें

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, सितंबर के महीने में तापमान में संतुलन बनाए रखना और तापमान को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है. तापमान में लगातार होने वाले उतार-चढ़ाव के चलते मुर्गियां थर्मल स्ट्रेस का शिकार हो जाती हैं. ऐसी स्थिति में मुर्गियों के बचाव के लिए दिन के समय में कूलर या पंखे का इस्तेमाल करें और रात में ठंड से बचाव के लिए हीट लैंप या फिर ब्लोअर का इस्तेमाल करें, ताकि तापमान में संतुलन बना रहे. बता दें कि, इन दिनों मुर्गियों की बेहतरी के लिए जरूरी है कि उनके आसपास 60 से 70 फीसदी तक नमी हो, इससे ज्यादा नमी होने की स्थिति में मुर्गियों में रोग फैलने का खतरा मंडराने लगता है.

प्रोटीन और कैल्शियम युक्त आहार दें

मॉनसून में बारिश और नमी के कारण पशुओं को दिया जाने वाला खाना अकसर खराब हो जाता है. ऐसे में किसानों के लिए जरूरी हो जाता है कि वे मुर्गियों के खाने का खास खयाल रखें. बता दें कि, अगर पोल्ट्री किसान मुर्गियों में अंडा उत्पादन की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें 18 से 20 फीसदी प्रोटीन और साथ में 3 से 4 फीसदी कैल्शियम युक्त आहार दें. किसान चाहें तो मुर्गियों के खाने में खासतौर से विटामिन डी3 और विटामिन A और E युक्त मल्टीविटामिन और मिनरल सप्लिमेंट्स मिलाकर खिलाएं.

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बरसात के दिनों में मुर्गियों के खाने का रखे खास खयाल (Photo Credit- Bihar Government)

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Published: 15 Sep, 2025 | 05:45 PM

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