3 लाख लोन लेकर शुरू की थी नमकीन बनाने की यूनिट, आज 9 लोगों को रोजगार दे रहीं सीमा

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की सीमा मेवाड़ा ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना से 3.40 लाख रुपये का लोन लेकर नमकीन बनाने की यूनिट शुरू की. आज वही सीमा अब 9 लोगों को रोजगार दे रही हैं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 17 Jun, 2025 | 06:29 PM

जिस महिला ने कभी घर की चारदीवारी से बाहर कदम रखना भी संकोच समझा था, आज वो नौ परिवारों की रोजी-रोटी की वजह बन चुकी हैं. मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के छोटे से गांव रामखेड़ी की रहने वाली सीमा मेवाड़ा ने सिर्फ 3.40 लाख रुपये के लोन से नमकीन बनाने की एक यूनिट शुरू की थी. लेकिन आज उनकी नमकीन का स्वाद ऐसा है कि बाजार में पहचान बन चुकी है और उनके हाथों बनी नमकीन दर्जनों दुकानों तक पहुंच रही है. सीमा की यह कहानी सिर्फ एक छोटे उद्योग की नहीं, एक बड़े इरादे की है, जो बताती है कि जब एक ग्रामीण महिला ठान ले तो वो अकेले नहीं बदलती, अपने साथ कई जिदगियां भी बदल देती है.

जब सपने ने दिशा बदली

सीमा मेवाड़ा सीहोर जिले के एक छोटे से गांव रामखेड़ी की रहने वाली हैं. पहले उनकी जिंदगी आम घरेलू महिलाओं की तरह ही थी, रसोई, परिवार और सीमित दायरे तक सिमटी हुई. लेकिन दिल में कुछ अपना करने की ख्वाहिश थी. उन्होंने ठान लिया कि वे खुद का कुछ शुरू करेंगी. लेकिन राह आसान नहीं थी. आर्थिक स्थिति कमजोर थी और संसाधन बेहद सीमित. फिर एक दिन उन्हें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना के बारे में जानकारी मिली. बस, वहीं से उनके सपनों को रास्ता मिल गया.

सरकारी योजना से मिली राह

मध्य प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के मुताबिक, सीमा ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना के तहत आवेदन किया और उन्हें 3 लाख 40 हजार रुपये का लोन मिल गया. इस सहायता से उन्होंने अपने परिवार की मदद से एक छोटी-सी नमकीन यूनिट की शुरुआत की. शुरुआत में सीमित संसाधनों और अनुभव के कारण दिक्कतें आईं. लेकिन उनका हौसला मजबूत था. उन्होंने धीरे-धीरे लोगों का स्वाद समझा और अच्छा नमकीन बनाना सीखा.

महीने में 20 हजार रुपये की कमाई

सीमा का नमकीन धीरे-धीरे गांव और आस-पास के इलाकों में लोकप्रिय होने लगा. छोटी दुकानों से शुरू हुआ उनका कारोबार अब थोक बिक्री तक पहुंच गया है. उनकी यूनिट में अब मशीनों से नमकीन तैयार होता है और मांग लगातार बढ़ रही है. इस समय सीमा की मासिक आय करीब 20 हजार रुपये हो गई है और वह लगातार अपने कारोबार को विस्तार दे रही हैं.

नमकीन के कारोबार से 9 लोगों को रोजगार

सीमा अब सिर्फ खुद की नहीं, बल्कि 9 और लोगों की आजीविका का साधन बन चुकी हैं. उनके वर्कशॉप में काम करने वाले अधिकतर लोग भी ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल गया है. जो महिला कभी खुद घर से बाहर जाने में झिझकती थी, वह आज दूसरों को आत्मनिर्भर बनने की राह दिखा रही है.

महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल

सीमा का मानना है कि महिलाएं चाहें तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं. वे सिर्फ घर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ी भूमिका निभा सकती हैं. आज सीमा मेवाड़ा अपने गांव की ही नहीं, पूरे जिले की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं. उनकी कहानी यह साबित करती है कि बदलाव की शुरुआत गांव की गलियों से भी हो सकती है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 17 Jun, 2025 | 06:15 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%