Success Story: श्रम विभाग में संविदा पर नौकरी करने से लेकर आज खेती से लाखों की कमाई करने तक का सफर तय करने वाला एक युवा जो आज देशभर के युवाओं के लिए एक मिसाल बन गया है. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले शिव कुमार मौर्य की, जिन्होंने अपनी संविदा की नौकरी को छोड़कर औषधि की खेती शुरू की और मात्र 28 साल की उम्र में शिव कुमार एक सफल और प्रगतिशील किसान बन गए हैं. उन्होंने बताया कि अपने पिता से प्रेरणा पाकर उन्होंने खेती का हाथ थामा और आज उसी खेती के बल पर उनका पूरा परिवार चल रहा है. यही नहीं उनको खेती में प्रयोग और तकनीकों का इस्तेमाल करने के लिए उन्नतशील किसान का सम्मान भी मिल रहा है.
पिता से मिली खेती की प्रेरणा
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के वजीरगंज विकास खंड क्षेत्र के रायपुर गांव के रहने वाले शिव कुमार मौर्य किसान परिवार से आते हैं. उन्होंने बताया कि, वंश राज मौर्य खेती किसानी मे पूरे गांव मे पहले नम्बर पर थे कुछ लोग उनसे खेती किसानी के लिए पूछने आते थे. शिव कुमार बताते हैं कि श्रम विभाग में संविदा में नौकरी करते हुए उन्हें वेतन कम मिलता था जिससे वे शुश नहीं थे. अपने गांव में पिता को खेती करते देख उनके मन में भी खेती करने का विचार आया और उन्होंने औषधीय खेती की शुरुआत की. उन्होंने आगे बताया कि आज उनका पूरा परिवार खेती के बल पर ही चल रहा है.

गोंडा के युवा किसान शिव कुमार मौर्य
8 लाख रुपये तक होता है मुनाफा
शिव कुमार मौर्य ने बताया कि वे एक एकड़ जमीन पर मोरिंगा और तुलसी के साथ ही 2 बीघे जमीन में एलोवेरा की खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि इन फसलों की उपज से उन्हें बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. साथ ही वे एलोवेरा के जूस को बोतलों में पैक कर बाजार में बेचते हैं और मेलों में स्टॉल भी लगाते हैं जिससे उन्हें अच्छी आमदनी मिलती है. इसके अलावा वे तुलसी की पत्तियों को तोड़ कर उसको भी बाजारों में दुकानदारों और ग्राहकों को उपलब्ध कराते हैं. शिव कुमार ने बताया कि वे सब्जियों की खेती के साथ-साथ अचार बनाने का भी काम करते हैं. इन सभी को बेचकर कुल मिलाकर वे सालाना 8 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा कम रहे हैं.

अपने खेतों में किसान शिव कुमार मौर्य
सरकार से मिल रहा पूरा सहयोग
शिव कुमार बताते है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अगर गोंडा जिले में या आसपास किसी भी मेले का आयोजन होता है तो उन्हें स्टॉल लगाने के लिए आमंत्रित किया जाता है. उन्होंने बताया कि खेती के लिए उन्हें सरकारी योजना प्रधानमंत्री किसाम सम्मान निधि योजना का लाभ भी मिल रहा है जिससे उनका जेब खर्च चल जाता है. उन्होंने बताया कि मेले में लगाए गए उनके स्टॉल से केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी सामान खरीद चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि, 15 अगस्त के मौके पर रक्षा मंत्रालय की ओर से उन्हें दिल्ली में लाल किले पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था.

खेती से शिव कुमार ने बनाई अपनी अलग पहचान
प्रगतिशील खेती ने दिलाई पहचान
शिव कुमार ने बताया कि खेती में उनकी सफलता के कारण आज गोंडा जिले और आसपास के इलाकों में लोग उन्हें पहचानते हैं. अखबारों में उनके दिए गए सुझावों को प्रकाशित किया जाता है. उन्होंने बताया कि 7 मई साल 2023 में आकाशवाणी में उन्होंने अपने खेती के सफर को पूरी दुनिया के साथ साझा किया. शिव कुमार को अलग-अलग संस्थाओं से गोंडा गौरव का सम्मान भी मिल चुका है. लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.