आंध्र प्रदेश में खेती-किसानी से जुड़ी व्यवस्था अब एक नए डिजिटल दौर में कदम रखने जा रही है. राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि खरीफ 2025 से कृषि विभाग की सभी सेवाएं पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगी. यानी अब बीज वितरण, सब्सिडी, फसल बीमा, कीट और रोग की जानकारी, मंडी भाव जैसे सभी काम ऑनलाइन होंगे, और इसके लिए बनाया गया है खास प्लेटफॉर्म APAIMS 2.0 (आंध्र प्रदेश एग्रीकल्चर इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम).
इस नई व्यवस्था को विकसित किया है Vassar Labs IT Solutions ने, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके किसानों तक खेत स्तर की जानकारी और सुझाव सीधे पहुंचाएगा. आंध्र प्रदेश के कृषि निदेशक एस. दिल्ली राव ने जानकारी दी कि यह प्लेटफॉर्म किसानों के लिए एक “वन स्टॉप सॉल्यूशन” की तरह काम करेगा जिससे उन्हें बार-बार दस्तावेज देने या दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी.
APAIMS 2.0 से किसानों को अब उनके बोए गए फसल के अनुसार मौसम, रोग और कीट से जुड़ी चेतावनियां, सलाह और बीमा सहायता की जानकारी मोबाइल पर ही मिल जाएगी. यदि फसल को कोई नुकसान होता है, तो किसान आसानी से बीमा दावा कर सकेंगे, क्योंकि सभी जानकारी पहले से रिकॉर्ड में होगी. इसके साथ ही किसान अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेच सकेंगे और ई-मार्केट से सीधे जुड़ पाएंगे.
एक्सपर्ट्स के अनुसार “खरीफ 2025 से किसी भी सेवा के लिए ऑफलाइन सुविधा नहीं होगी. बीज वितरण से लेकर सुझावों तक हर चीज APAIMS 2.0 के माध्यम से की जाएगी. इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और सेवा वितरण में तेजी आएगी.”
फिलहाल इस सिस्टम का परीक्षण चल रहा है, और किसानों से मिले फीडबैक के आधार पर जरूरत के अनुसार बदलाव किए जाएंगे. सरकार का मानना है कि यह क्रांतिकारी कदम खेती की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी, स्मार्ट और किसान-केंद्रित बना देगा. कम शब्दों में कहें तो आंध्र प्रदेश की कृषि अब खेत से क्लाउड तक पूरी तरह डिजिटल हो रही है और यह बदलाव किसानों की जिंदगी को आसान और बेहतर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है.