तुर्की-अजरबैजान के विरोध में उतरा CAIT, पर्यटकों से खास अपील.. व्यापार बंद करने पर लेगा फैसला

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अगर भारतीय लोग तुर्की और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो इसका सीधा असर इनकी अर्थव्यवस्था और खासकर टूरिज्म सेक्टर पर पड़ेगा.

नोएडा | Published: 14 May, 2025 | 06:59 PM

देश में बॉयकॉट तुर्की अब आंदोलन का रूप ले रहा है. किसान नेता राकेश टिकैत के बाद देश के व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन CAIT (कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) ने तुर्की का विरोध किया है. उसने लोगों से अपील की है कि वे तुर्की और अजरबैजान की यात्राओं का पूरी तरह बहिष्कार करें. ये अपील इसलिए की गई है क्योंकि इन दोनों देशों ने भारत- पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान पाक का खुला समर्थन किया था. तुर्की ने तो पाकिस्तान को ड्रोन और हथियार भी सप्लाई की थी.

खास बात यह है कि कैट पहले से ही चीन के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने का अभियान चला रहा है, जिससे चीन को बड़ा झटका लगा है. अब कैट तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ भी इसी तरह का अभियान चलाने जा रहा है. इसके लिए वह ट्रैवल और टूर ऑपरेटर्स संगठनों से भी संपर्क करेगा, ताकि यह आंदोलन तेज हो. वहीं, इन दोनों देशों के साथ व्यापार बंद करने को लेकर अंतिम फैसला 16 मई को दिल्ली में होने वाले व्यापारी सम्मेलन में लिया जाएगा.

भारतीय पर्ययक से तुर्की की कमाई

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अगर भारतीय लोग इन देशों की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो इसका सीधा असर इनकी अर्थव्यवस्था और खासकर टूरिज्म सेक्टर पर पड़ेगा. प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि 2024 में तुर्की में 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक पहुंचे, जिनमें से करीब 3 लाख पर्यटक भारत से थे. यह आंकड़ा 2023 के मुकाबले 20.7 फीसदी ज्यादा है. तुर्की को टूरिज़्म से कुल $61.1 बिलियन की आमदनी हुई. एक भारतीय पर्यटक औसतन $972 खर्च करता है, यानी भारतीय पर्यटकों का कुल खर्च करीब $291.6 मिलियन रहा.

तुर्की को $291.6 मिलियन का होगा नुकसान

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय लोग तुर्की की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो तुर्की को सीधे तौर पर करीब $291.6 मिलियन का नुकसान होगा. इसके अलावा भारतीयों द्वारा तुर्की में किए जाने वाले डेस्टिनेशन वेडिंग, कॉर्पोरेट इवेंट्स और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रद्द हो सकते हैं, जिससे तुर्की को अप्रत्यक्ष रूप से और भी बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है.

अजरबैजान को कितना होगा नुकसान

अजरबैजान में भारतीय पर्यटकों की भूमिका पर बात करते हुए प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि 2024 में वहां लगभग 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक पहुंचे, जिनमें से करीब 2.5 लाख भारतीय थे. हर भारतीय पर्यटक का औसतन खर्च 2,170 AZN (लगभग $1,276) होता है. इस हिसाब से भारतीय पर्यटकों ने अजरबैजान में लगभग $308.6 मिलियन खर्च किया. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय लोग अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो देश को सीधा आर्थिक नुकसान $308.6 मिलियन तक हो सकता है. चूंकि भारतीय पर्यटक आमतौर पर घूमने-फिरने, शादी, मनोरंजन और एडवेंचर टूरिज्म के लिए अजरबैजान जाते हैं, इसलिए इन क्षेत्रों में भारी मंदी आ सकती है.

तुर्की -अजरबैजान सोचने पर होंगे मजबूर

खंडेलवाल ने आगे कहा कि इतने बड़े आर्थिक नुकसान से तुर्की और अजरबैजान पर भारत के खिलाफ अपनाई गई नीतियों पर दोबारा सोचने का दबाव बनेगा. साथ ही, पर्यटन से होने वाला सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी कम हो जाएगा और दोनों देशों के स्थानीय होटल, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर और दूसरे बिजनेस पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ेगा. प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज बहुत मजबूत है और कोई भी देश भारत को कमजोर समझने की गलती न करे.

अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय नागरिक तुर्की और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो इससे इन देशों की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा. यह कदम सिर्फ आर्थिक दबाव ही नहीं बनाएगा, बल्कि एक सशक्त राजनीतिक संदेश भी देगा, जिससे इन देशों को अपनी भारत विरोधी नीतियों पर फिर से सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय व्यापारी अपने देश की सुरक्षा, एकता और संप्रभुता के लिए हर कदम उठाने को तैयार हैं, बस उन्हें सरकार के निर्देशों का इंतजार है.