मिर्च एक ऐसी फसल है जिसकी मांग बाजार में हर समय बनी रहती है क्योंकि ये भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा है. यही कारण है कि किसान भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं जिसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है. मिर्च की फसल से किसानों को अच्छी पैदावार और कमाई तो मिलती है लेकिन साथ ही अन्य फसलों के मुकाबले इसमें कीट और रोगों का खतरा ज्यादा होता है. कई बार सही जानकारी न होने या फिर किसानों की लापरवाही से फसल पर खतरनाक कीटों का हमला हो जाता है जिससे न केवल फसल बर्बाद होती है बल्कि किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है. मिर्च की फसल को बर्बाद करने वाला ऐसा ही एक कीट है थ्रिप्स (Thrips). जो कि पत्तियों पर हमला करता है और फसल को नुकसान पहुंचाता है.
इन लक्षणों से करें पहचान
थ्रिप्स एक ऐसी कीट है जो मिर्च की फसल पर अगस्त से सितंबर, इन दो महीनों में सबसे ज्यादा हमला करता है. इस कीट की पहचान है कि ये दिखने में काले, पीले, नारंगी या सफेद पीले रंग के होते हैं. साथ ही, अगर ध्यान से देखा जाए तो इनके पंख झिल्लीदार होते हैं. यह कीट आकार में हल्के लंबे और पतले होने के साथ छोटी उड़ान वाले होते हैं. इनकी पहचान करने का एक तरीका ये भी है कि ये कीट मिर्च की फसल में पत्तियों पर हमला करता है. इस कीट के प्रकोप से पौधे की पत्तियां नाव के आकार की होकर ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं. आगे जाकर ये पत्तियां पौधे से झड़ जाती हैं. बता दें कि, फूल और फलों पर भी इसका असर तेजी से दिखाई देता है.

थ्रिप्स के पंख झिल्लीदार होते हैं. (Photo Credit- Canva)
कीटनाशकों का करें छिड़काव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिर्च की फसल पर थ्रिप्स कीट का हमला होने की स्थिति में किसानों को ये सलाह दी जाती है कि वे कीटनाशकों का इस्तेमाल करें. इस कीट से बचाव के लिए किसान एडमायर इमिडाक्लोप्रिड 70% डब्ल्यूजी कीटनाशका का छिड़काव पौधों पर करें. अगर कीट की प्रकोप ज्यादा है तो पौधों को जड़ से उखाड़कर जमीन में दबा दें. इसके अलावा किसान चाहें तो स्पिनोसैड 45% एससी 75 मिलीलीटर दवा को भी 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं.
ऐसे करें मिर्च की खेती
मिर्च की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट या दोमट मिट्टी बेस्ट है जिसका pH मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. इसकी फसल के लिए 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए. मिर्च की फसल की खास बात है कि इसे हर मौसम में उगाया जा सकता है. इसकी प्रति एकड़ खेत के लिए लगभग 200 से 300 ग्राम बीज की जरूरत होती है. खेती के लिए नर्सरी में बीजों को 15 से 20 सेमी की दूरी पर कतारों में बोएं,बता दें कि, नर्सरी में 25 से 30 दिन में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं. किसानों को ध्यान रखना होगा कि खेत तैयार करते समय मिट्टी में प्रति हेक्टेयर की दर से 20 से 25 टन गोबर की सड़ी खाद जरूर डालें. मिर्च की फसल रोपाई के 60 से 70 दिनों बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है.